Delhi Air Quality: दिल्ली में प्रदूषण के चलते घटकर आधा रह गया दृश्यता का स्तर, बेहद खराब श्रेणी में हवा
दिल्ली के लोगों को अक्तूबर के दूसरे सप्ताह के बाद से लगातार प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान हवा की गुणवत्ता खराब, बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में ही रही है।

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वातावरण में छाई प्रदूषण की परत से दिल्ली में दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार की सुबह यह 700 मीटर तक चला गया। सामान्य तौर पर इसका स्तर 1500 मीटर रहना चाहिए। वहीं, मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्तर पर रहा।
दिल्ली के लोगों को अक्तूबर के दूसरे सप्ताह के बाद से लगातार प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान हवा की गुणवत्ता खराब, बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में ही रही है। वर्तमान समय में दिल्ली के वातावरण पर प्रदूषण की परत छाई हुई है, जिसके चलते दृश्यता का स्तर प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार सुबह सात बजे दृश्यता का स्तर 700 मीटर तक पहुंच गया, जबकि दिन भर धूप निकलने के चलते प्रदूषण की परत थोड़ी कम होने के बाद हालात में थोड़ा सुधार आया। शाम को पांच बजे यह स्तर अपने सर्वाधिक स्तर 2100 मीटर पर पहुंच गया।
यह है कारण :
मौसम निगरानी संस्था स्काईमेट के विज्ञानी महेश पालावत ने बताया कि सुबह के समय ठंड के चलते मौसम में हल्का कोहरा देखने को मिल रहा है। नमी के इन कणों के साथ ही धूल और धुएं के कण चिपक रहे हैं, जिससे प्रदूषण की परत बन रही है। इसी के कारण दृश्यता का स्तर प्रभावित हो रहा है। धूप निकलने पर कोहरे के कण वाष्प बन जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण की परत भी साफ हो रही है और दृश्यता बढ़ रही है।
बेहद खराब श्रेणी में हवा :
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में रही। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 के अंक पर रहा। एक दिन पहले सोमवार को यह सूचकांक 347 के अंक पर रहा था यानी चौबीस घंटों के अंदर इसमें छह अंकों की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के एनएसआईटी द्वारका क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 के अंक पर यानी हवा गंभीर श्रेणी में रही।
मानकों से ढाई गुना अधिक :
दिल्ली की हवा में इस समय मानकों से ढाई गुना से अधिक प्रदूषण मौजूद है। सीपीसीबी के मुताबिक शाम पांच बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 280 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जबकि पीएम 2.5 का स्तर 159 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। मानकों के मुताबिक पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होना चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो दिल्ली की हवा में अभी ढाई गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
यही स्थिति बने रहने के आसार :
सफर का अनुमान है कि अभी दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में ही रहेगी। दरअसल, अगले तीन दिनों के बीच हवा की गति में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। लेकिन, मौसम की ठंड और सुबह के कोहरे के चलते प्रदूषक कणों का बिखराव बहुत तेज नहीं होगा, इसलिए वायु गुणवत्ता का स्तर इसी के आसपास बना रहेगा।
प्रदूषण मीटर :
05 दिसंबर 347
06 दिसंबर 353
यहां की हवा सबसे खराबः
एनएसआईटी द्वारका 416
मुंडका 385
जहांगीरपुरी 382
द्वारका-8 380
नेहरू नगर 390