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दिल्ली : यमुना नदी में मलबा डालने वाले 600 लोगों का चालान

यमुना किनारे मलबा डालने पर सालभर में 600 से ज्यादा लोगों का चालान किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों पर दो करोड़ चालीस लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया...

दिल्ली : यमुना नदी में मलबा डालने वाले 600 लोगों का चालान
प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीThu, 06 Jan 2022 09:51 PM

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यमुना किनारे मलबा डालने पर सालभर में 600 से ज्यादा लोगों का चालान किया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों पर दो करोड़ चालीस लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया। दिल्ली में हर दिन हो रहे नए निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य यमुना की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। निर्माण और ध्वस्तीकरण से निकलने वाले मलबे को नालों या यमुना के डूब क्षेत्र में डाला जाता है। 

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट के मुताबिक अब यमुना के डूब क्षेत्र पर मलबा डालने वालों के खिलाफ सख्त अभियान की शुरुआत की गई है। वर्ष 2021 में यमुना किनारे मलबा डालने वाले 610 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इसकी तुलना अगर वर्ष 2020 से की जाए तो कार्रवाई में लगभग छह गुने का इजाफा हुआ है। वर्ष 2020 में केवल 54 मामलों पर कार्रवाई की गई थी। डीपीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में मलबा डालने वालों पर दो करोड़ 41 लाख से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था। इसमें से 46 लाख से ज्यादा रुपये वसूले जा चुके हैं। जबकि बाकी के लिए कार्रवाई की जा रही है। डीपीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में सिर्फ एक और वर्ष 2019 में 186 लोगों पर कार्रवाई की गई थी।

दिल्ली बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिक प्रमुख डॉ. फैयाज खुदसर के बताते हैं कि यमुना किनारे मलबा डालना नदी की सेहत के लिए बहुत घातक साबित होता है। इस डूब क्षेत्र के जरिए ही बाढ़ के पानी से भूमिगत जल का संभरण होता है। इस पर ईंट, पत्थर, बालू और सीमेंट का मलबा डालने से इसका पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाता है। नदी के पानी की गुणवत्ता भी खराब होती है। यह इसमें रहने वाले जलीय जीवन के लिए भी यह घातक साबित होता है।

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