
सिसोदिया पर मानहानि का मुकदमा, अदालत ने पेश होने का दिया आदेश; असम के CM ने दर्ज कराया था केस
संक्षेप: हिमंता बिस्वा सरमा और उनकी पत्नी ने पहले तो दिल्ली के डिप्टी सीएम के सभी आरोपों से इनकार किया था और फिर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस भी दायर किया था। इसी मामले में उन्हें पेश होना है।
पहले से ही दिल्ली के चर्चित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मनीष सिसोदिया अब एक नये कानूनी दांव-पेंच में उलझते नजर आ रहे हैं। दरअसल असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ असम के कामरूप जिले में सीजेएम की अदालत में एक केस दर्ज करवाया था। अब अदालत ने इस केस के सिलसिले में मनीष सिसोदिया को 19 नवंबर तक अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा है। असम के एडवोकेट जनरल देवजीत लोन सैकिया ने यह जानकारी दी है।

दरअसल इसी साल जून के महीने में मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस संवाददाता सम्मेलन में मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि कोरोना काल में असम की सीएम की पत्नी की कंपनी को गलत तरीके से पीपीई किट के ठेके दिलाए गए थे। सिसोदिया का दावा था कि हिमंता बिस्वा सरमा ने अपनी पत्नी की कंपनी को ठेका दिलवाया था और पीपीई किट्स के लिए ज्यादा रुपये का भुगतान भी कराया था। मनीष सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि असम के वर्तमान सीएम हिमंत बिस्वा सरमा जो 2020 में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने कोविड की आड़ में जमकर भ्रष्टाचार किया है।
इसी मामले को लेकर हिमंता बिस्वा सरमा और उनकी पत्नी ने पहले तो दिल्ली के डिप्टी सीएम के सभी आरोपों से इनकार किया था और फिर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस भी दायर किया था।गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने असम के सीएम के द्वारा डाली गई याचिका को रद्द करने की मांग की थी।
शराब घोटाले में बढ़ी हुई है मुसीबत
इधर आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें पहले से ही बढ़ती नजर आ रही हैं। उनका कथित सहयोगी आरोपी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन सकता है। दिनेश अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि वह मामले में सरकारी गवाह बनने पर सहमत है और अपनी भूमिका के बारे में सही जानकारियां देने को तैयार है। उसने बताया कि मैंने सीबीआई जांच में भी सहयोग किया है और जांच अधिकारी के सामने सही बयान दिए हैं। अरोड़ा ने कहा कि मैंने सीबीआई के आवेदन को देखा है। सीबीआई की ओर से यह आवेदन मुझे क्षमादान के अनुरोध के साथ दायर किया गया है क्योंकि मैं स्वेच्छा से मामले से संबंधित तथ्यों का खुलासा करने के लिए तैयार हूं। कोर्ट के सवाल पर दिनेश अरोड़ा ने कहा- मैं बिना किसी दबाव के ऐसा कर रहा हूं। मैं उन शर्तों का पालन करने के लिए तैयार हूं जो अदालत मुझ पर लगा सकती है। मैं मामले में क्षमा दिए जाने का अनुरोध करता हूं।





