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कोरोना के सभी हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को 24 घंटे में अस्पातल से छुट्टी दी जाए : दिल्ली सरकार

राजधानी दिल्ली में तेजी से सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों के बीच दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने आज कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, एसिंप्टोमैटिक (बिना लक्षण) और...

कोरोना के सभी हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को 24 घंटे में अस्पातल से छुट्टी दी जाए : दिल्ली सरकार
नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 06 Jun 2020 02:26 PM
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राजधानी दिल्ली में तेजी से सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों के बीच दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने आज कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, एसिंप्टोमैटिक (बिना लक्षण) और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। अस्पताल को किसी भी हल्के या एसिंप्टोमैटिक मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के 24 घंटे के अंदर डिस्चार्ज करना होगा।

दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर छुट्टी दे दी जाए और जिला निगरानी अधिकारी को रिपोर्ट की जाए। अधिकारियों ने बताया कि सभी अस्पतालों से कहा गया है कि वे निर्देशों का सख्ती से पालन करें। सरकार के चार जून के आदेश में कहा गया है कि हमारे संज्ञान में आया है कि बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि सरकार और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत नहीं है और सिफारिश की गई थी कि उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाए, अगर होम आइसोलेशन के लिए उचित जगह नहीं हो तो उन्हें कोविड केंद्र भेजा जाए।

'दिल्ली के अस्पतालों का उपयोग केवल दिल्लीवालों के लिए किया जाना चाहिए'

आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की सचिव पद्मिनी सिंघला के हस्ताक्षर हैं। आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 का हल्के लक्षण वाला मरीज या बिना लक्षण वाले रोगी को अस्पताल से 24 घंटे के अंदर छुट्टी दे दी जाए और जिला निगरानी अधिकारी को इसकी सूचना दी जाए।  

साथ ही अस्पतालों को चेताया गया है कि आदेश का पालन करने को गंभीरता से लिया जाएगा और अगला नोटिस दिए बिना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोविड-19 के कई मरीजों के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एकीकृत निगरानी कार्यक्रम (आईडीपीएस) ने रिपोर्टिंग का प्रारूप सभी कोविड अस्पतालों के नोडल अधिकारियों के साथ साझा किया है जो सूचना साझा के लिए जिम्मेदार हैं। यह दिल्ली कोरोना ऐप पर भी दिखेगा।  

आदेश में कहा गया है कि सभी अस्पतालों से कहा गया है कि वे प्रतिदिन संक्रमित मामलों को भर्ती करने, अस्पताल से छुट्टी देने और बेड की उपलब्धता पर रिपोर्टिंग पोर्टल पर सूचना दें। सरकारी आदेश में कहा गया है कि इसके अलावा, कोविड-19 के संदिग्ध मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है तो उससे अलग वार्ड में रखा जाए, लिहाजा कोविड मरीजों के लिए समर्पित बेड संदिग्ध मरीजों को न दिए जाएं। 

वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को बताया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना (COVID19) के इलाज के लिए अब तक लगभग 8,500 बेड का इंतजाम किया है, जिनमें से करीब 45 प्रतिशत बेड अभी भरे हुए हैं। सतेंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा था कि शहर के अस्पतालों में बेडों की कमी की खबरें गुमराह करने वाली हैं।

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वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि टेस्टिंग को रोक दिया गया है, ये गलत है। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 42 टेस्टिंग लैब हैं, उनमें से 36 लैब अच्छे से काम कर रही हैं, जबकि 6 लैब ठीक से काम नहीं कर रही थीं, सिर्फ 6 लैब्स के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है। उनको कड़ी चेतावनी दे दी गई है, क्योंकि वो लैब्स ICMR गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रही थीं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली देश में सबसे ज्यादा टेस्टिंग कर रही है। हम चाहे जितनी टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ा दें, अगर बिना लक्षण के मरीज टेस्ट करवाने पहुंच जाएंगे तो किसी न किसी गंभीर लक्षण वाले मरीज का टेस्ट उस दिन रुक जाएगा। इस बात को सभी को समझना बहुत जरूरी है। सिर्फ लक्षणों वाले मरीजों को ही टेस्ट करवाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि आप किसी भी फ्लू क्लिनिक या कोविड टेस्टिंग सेंटर में भी टेस्ट करा सकते हैं।

दिल्ली में लोगों के कोरोना संक्रमण मुक्त होने की दर घटी

दिल्ली में पिछले 10 दिन में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं, वहीं लोगों को संक्रमण मुक्त होने की दर घटकर चार जून को 39.58 प्रतिशत रह गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र (41,402) के बाद दिल्ली में सबसे ज्यादा (14,456) लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है। अगर मृत्यु दर की बात करें तो दिल्ली (650) इस लिहाज से महाराष्ट्र (2,710) और गुजरात (1,155) के बाद देश में तीसरे स्थान पर आती है। पिछले दो सप्ताह में यह पहली बार है जब संक्रमण मुक्त होने की दर 40 प्रतिशत से कम हुई है।

दिल्ली में कोविड-19 कुल मामले 26 हजार के पार 

दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 1,330 नए मामले सामने आने के बाद यहां कुल मामले बढ़कर 26,000 के पार हो गए। वहीं, मृतकों की संख्या बढ़कर 708 हो गई। अब तक के सर्वाधिक 1513 मामले तीन जून को सामने आए थे।

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जारी एक बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 708 और कुल मामले बढ़कर 26,334 हो गए हैं। हेल्थ बुलेटिन में कहा गया कि कुल 58 मौतें होने की जानकारी चार जून को आई जो कि चार मई और तीन जून के बीच हुईं थीं। इनमें से 25 मौतें तीन जून को हुईं। गुरुवार को कुल मामले 25,004 थे जिसमें 650 मौतें भी शामिल थीं। 1330 नए मामलों के साथ दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 26,334 हो गए। 

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