Hindi Newsएनसीआर न्यूज़court sentences man to 12 years imprisonment for raping 80 year old bedridden woman

80 साल की महिला से किया रेप, कोर्ट बोला- घटना नैतिक मूल्यों के लिए झटका, सुनाई कठोर सजा

दिल्ली की एक अदालत ने 80 साल की बुजुर्ग महिला से बलात्कार करने के आरोप में दोषी ठहराए गए एक आदमी को कठोर सजा सुनाई। अदलात ने कहा कि यह घटना सामाजिक और नैतिक मूल्यों के लिए एक झटका थी।

80 साल की महिला से किया रेप, कोर्ट बोला- घटना नैतिक मूल्यों के लिए झटका, सुनाई कठोर सजा
Admin पीटीआई, नई दिल्लीFri, 2 Aug 2024 02:16 PM
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दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराए गए एक आदमी को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने 2022 में बिस्तर पर पड़ी 80 वर्षीय महिला से बलात्कार करने के लिए उसे सजा सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यह घटना सामाजिक और नैतिक मूल्यों के लिए झटका थी।

पीड़िता की गवाही पर गौर करते हुए कि उसने 30 वर्षीय दोषी से हाथ जोड़कर विनती की थी कि वह उसे छोड़ दे, अदालत ने कहा कि अपराधी ने केवल अपनी सेक्स की लालसा को संतुष्ट करने के लिए यह कृत्य किया। तीस हजारी जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आंचल अंकित उर्फ ​​​​मोगली के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे। उसे बलात्कार, घर में जबरन घुसने, चोरी और चोट पहुंचाने के दंडनीय अपराधों का दोषी ठहराया गया था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता शरीर के निचले अंगों के काम न करने के कारण बिस्तर पर पड़ी थी। इस दौरान अंकित पीड़िता के घर में घुस गया। उसने उसे पीटा, उसके साथ बार-बार बलात्कार किया और उसका मोबाइल चुराकर भाग गया।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता ने अपनी गवाही में बताया कि वह दोषी के सामने अपने हाथ जोड़ती रही, लेकिन उसने एक न सुनी। घटना के ठीक बाद जब पीड़िता की चिकित्सकीय जांच की गई तो उसके चेहरे, हाथ और छाती पर चोट के निशान पाए गए। अदालत ने कहा कि निश्चित रूप से बलात्कार सबसे जघन्य अपराधों में से एक है जो पीड़िता की आत्मा को अपमानित और दूषित करता है। यह पीड़िता के व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को चकनाचूर कर देता है। इस अपराध ने सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी झटका दिया है।

अदालत ने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि अपराध आवेश में या किसी मजबूरी में किया गया था। मामले के तथ्यों से पता चलता है कि दोषी ने केवल सेक्स के लिए अपनी वासना को संतुष्ट करने के लिए अपराध किया। उसने पीड़िता को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया।

अदालत ने दोषी की उम्र, पारिवारिक जिम्मेदारी और उसके सुधरने की संभावनाओं पर विचार करने के बाद उसे 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उसे घर में जबरन घुसने के लिए पांच साल, चोरी करने के लिए एक साल और चोट पहुंचाने के लिए छह महीने की सजा सुनाई। फैसले में कहा गया है कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अदालत ने पीड़िता के लिए उचित मुआवजा निर्धारित करने के लिए मामले को दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलए) को भेज दिया।

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