दिल्ली सिरो सर्वे : कोविड-19 के लिहाज से 5 से 17 साल के बच्चे और किशोर संवेदनशील
राजधानी दिल्ली में पांच साल से 17 साल के आयु वर्ग के बीच के बच्चे एवं किशोर कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं। इस महीने राजधानी में कराए गए सिरो सर्वे (Delhi Sero survey) में...

राजधानी दिल्ली में पांच साल से 17 साल के आयु वर्ग के बीच के बच्चे एवं किशोर कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं। इस महीने राजधानी में कराए गए सिरो सर्वे (Delhi Sero survey) में यह जानकारी सामने आई है।
यह सिरो सर्वे एक अगस्त से सात अगस्त के बीच कराया गया था। यह राजधानी में दूसरी बार कराया गया है। इस सर्वे के अनुसार राजधानी दिल्ली की 29.1 फीसदी जनसंख्या में सार्स- कोव-2 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई है।
सर्वे में 15 हजार लोगों को शामिल किया गया। उनमें से करीब 25 प्रतिशत 18 साल से कम उम्र के थे, जबकि 50 फीसदी 18 से 50 वर्ष की उम्र वर्ग के थे। शेष लोगों की आयु 50 साल से अधिक थी। सर्वे के परिणाम बताते हैं कि इसमें हिस्सा लेने वाले पांच से 17 साल की उम्र के 34.7 प्रतिशत संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील हैं।
इसके अनुसार, 50 साल की उम्र से अधिक के 31.2 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। इसमें कहा गया है कि 18 से 50 साल की उम्र वर्ग के 28.5 फीसदी लोगों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुआ है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान के आंकड़ों के अनुसार 21 से 50 साल के 61.31 प्रतिशत लोग 21 अगस्त तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चे अपने घर के बुजुर्गों और घरेलू सहायकों से संक्रमित हो सकते हैं।
दिल्ली में तीसरा सिरो सर्वे 1 सितंबर से होगा शुरू
नई दिल्ली (एचटी संवाददाता)। कोरोना पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने हर महीने सिरोलॉजिकल सर्वेक्षण (सिरो सर्वे) कराने का फैसला किया था। दिल्ली में अब तक दो सिरो सर्वे हो चुके हैं और तीसरा सिरोलॉजिकल सर्वे 1 से 5 सितंबर के बीच किया जाएगा और इस बार लगभग 17,000 लोगों पर सर्वे किए जाने का अनुमान है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताते हुए मंगलवार को कहा कि दिल्ली के सभी 11 जिलों से और सभी आयु वर्ग लोगों के नमूने एकत्र किए जाएंगे। इस दौरान लगभग 17,000 नमूने एकत्र किए जाएंगे।
तीसरे सर्वे में एकत्र किए जाने वाले नमूनों की संख्या दूसरे सिरो सर्वे से अधिक होगी, लेकिन पहले वाले की तुलना में यह अब भी कम होगी जो कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के नेतृत्व में हुआ था।
पहला सिरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच किया गया था, जिसमें 22.86% लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाए गए थे। दूसरा सिरो सर्वे 1 से 7 अगस्त के बीच किया गया था, जिसमें 29.1% लोगों में एंटीबॉडी पाए गए थे। पहले सिरो सर्वे में 21,387 लोगों से नमूने एकत्र किए गए थे, जबकि दूसरे दौर में 15,000 नमूने एकत्र किए गए थे।
दिल्ली के दूसरे सिरो सर्वे से यह भी पता चला था कि यहां पुरुषों (28.3%) की तुलना में महिलाओं (32.2%) में एंटीबॉडीज अधिक थे। दूसरी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु के लोगों में एंटीबॉडी का प्रसार 34.7% पाया गया, 18-50 वर्ष के बीच की आयु वाले 28.5% और 50 से ऊपर की आयु के 31.2% लोगों में एंटीबॉडी थी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)