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कोरोना का असर : हरियाणा में एक साल तक नई भर्तियों पर रोक, कर्मचारियों का डीए, एलटीसी और एरियर भी रोका

हरियाणा में नए कर्मचारियों की भर्ती पर एक साल के लिए रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा भी बंद कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल...

कोरोना का असर : हरियाणा में एक साल तक नई भर्तियों पर रोक, कर्मचारियों का डीए, एलटीसी और एरियर भी रोका
जींद। हमारे संवाददाताTue, 28 Apr 2020 01:41 PM
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हरियाणा में नए कर्मचारियों की भर्ती पर एक साल के लिए रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा भी बंद कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह ऐलान किया।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट के कारण सरकार खर्चों में कटौती कर रही है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार अगले कुछ दिनों में राज्य में परिवहन सेवा शुरू करने के भी संकेत दिए हैं। कर्मचारियों को एलटीसी भी नहीं मिलेगा और डीए व इसके एरियर पर भी रोक लगा दी गई है।

सुरजेवाला ने खट्टर पर बोला हमला

वहीं, हरियाणा में नई भर्ती पर एक साल तक कथित रोक लगाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर हमला बोलते हुए इसे तुगलकी फरमान करार दिया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया है कि हरियाणा के युवाओं को एक साल तक नौकरी नहीं मिलेगी।

खट्टर ने कथित रूप से कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने एक साल तक नई भर्ती पर रोक लगा दी है, जबकि इस साल किसी कर्मचारी को एलटीसी नहीं मिलेगा। सुरजेवाला ने दावा किया कि पिछले पांच साल में खट्टर सरकार ने नौकरियों के नाम पर युवाओं को 'लॉलीपॉप' थमाया है और राज्य में बेरोजगारी दर बहुत अधिक हो गई है।

उन्होंने कहा कि अब भाजपा-जजपा सरकार यह नया आदेश जारी कर युवाओं के साथ घोर अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवा शिक्षित हैं, उनके पास क्षमता है, अगर सरकार भर्ती रोक देगी तो एक साल तक वह कहां जाएंगे। भर्ती पर रोक लगाना सरकार के असंवेदनशील रवैये को दर्शाता है।

हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा कि हम खट्टर सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या वह माता-पिता की कठिनाइयों को समझ सकते हैं, जिनके शिक्षित बेटे-बेटी बेरोजगार हैं और घरों में बैठे हैं। हम सरकार से आग्रह करना चाहते हैं कि वह इस निर्णय को वापस ले। 


 

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