दिल्ली में कोरोना और इन्फ्लूएंजा ना बन जाएं मुसीबत, केजरीवाल सरकार ने अस्पालों को दिये यह अहम निर्देश
Coronavirus : लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के एमडी डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि हमारे पास कोविड के लिए 450 रिजर्व बेड हैं। इसके अलावा हमारे पास 5 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स और डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर भी है।
Coronavirus : घातक संक्रमण कोरोना वायरस (Corona virus) ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आकंड़े जारी किये हैं उसके मुताबिक, देश में सक्रिय केसों की संख्या बढ़कर 9,433 पर पहुंच गई है। पिछले 149 दिनों में कोरोना संक्रण के कुल 1,890 मामले सामने आए हैं। पिछले साल अक्टूबर के महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा 2,208 कोरोना के केस मिले थे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। शनिवार को दिल्ली में कोरोना के 139 ताजा मामले सामने आए हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट 4.98 प्रतिशत पर पहुंच गया है। शुक्रवार को यह दर 6.66 फीसदी पर रहा और कोरोना के 152 केस दर्ज किये गये।
दिल्ली में पांव पसार रहे कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वो 26 मार्च को अहम मॉक ड्रिल करें। इस मॉक ड्रिल के दौरान अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तैयारियां, आधारभूत संरचाओं की उपलब्धता के अलावा कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के बढ़ने की स्थिति में अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को परखा जाएगा।
लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के एमडी डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि हमारे पास कोविड के लिए 450 रिजर्व बेड हैं। इसके अलावा हमारे पास 5 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स और डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर भी है। इससे पहले या एक भी मरीज नहीं थे। लेकिन पिछले 2-3 दिनों में चार मरीज भर्ती हुए हैं।
अजय बंगा दिल्ली में मिले कोरोना पॉजिटिव
बता दें कि हाल ही में विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए अमेरिका की ओर से नामित अजय बंगा दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। अमेरिकी वित्त विभाग ने यह जानकारी दी है। बंगा विश्व के अलग-अलग देशों की यात्रा के आखिरी चरण में भारत की राजधानी में थे। संक्रमित पाए जाने के बाद से वह पृथक-वास में हैं। भारत में बीते दो हफ्ते के दौरान इंफ्लूएंजा और कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
कोविड-19 रोधी टीका है फायदेमंद- रिपोर्ट
अभी हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण लंबे समय तक बरकरार रहने का खतरा आधा हो जाता है। 'जेएएमए इंटरनल मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कोविड-19 के दीर्घकालिक लक्षण पैदा होने के जोखिमों को उजागर किया गया है। आठ लाख 60,000 से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि अधिक वजन वाले लोगों, महिलाओं, धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों और 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लंबे समय तक कोविड से ग्रस्त रहने की आशंका रहती है।
ब्रिटेन में ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी (यूईए) के अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अस्थमा, सीओपीडी, टाइप 2 मधुमेह, हृदयरोग और अवसाद के कारण भी कोरोना संक्रमण लंबे समय तक टिके रह सकता है। गंभीर कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पताल में रहने वाले रोगी भी लंबे समय तक कोविड-19 का शिकार बन सकते हैं।