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JNU हॉस्टल फीस वृद्धि मामला : अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा ये काम

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति को जेएनयू में दूसरी बार संशोधित की गई शुल्क संरचना की अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ तुलना करने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने...

JNU हॉस्टल फीस वृद्धि मामला : अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा ये काम
नई दिल्ली | लाइव हिन्दुस्तान टीम Wed, 04 Dec 2019 08:05 PM
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति को जेएनयू में दूसरी बार संशोधित की गई शुल्क संरचना की अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ तुलना करने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने मंगलवार को लिखे एक पत्र में तीन सदस्यीय समिति को यह निर्देश दिया। 

अधिकारी ने कहा कि हमने इस विषय पर स्पष्टीकरण मांगा है। सदस्यों को विभिन्न विश्वविद्यालयों की शुल्क संरचना का विश्लेषण करना है और हमें उस बारे में जानकारी देनी है। उन्हें कोई समय सीमा नहीं दी गई है।

गौरतलब है कि जेएनयू में सामान्य कामकाज को बहाल करने के लिए एचआरडी मंत्रालय द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। हॉस्टल फीस में वृद्धि को लेकर विश्वविद्यालय में जेएनयू प्रशासन और छात्रों के बीच गतिरोध चल रहा है।

जेएनयू ने इस मुद्दे पर गौर करने के लिए सात सदस्यीय एक आंतरिक समिति गठित की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सेवा शुल्कों में 50 प्रतिशत रियायत और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के छात्रों के लिए 75 प्रतिशत रियायत की सिफारिश की है। विश्वविद्यालय द्वारा घोषित यह दूसरी शुल्क वापसी है। पहली शुल्क वापसी की मध्य नवंबर में घोषणा की गई थी।

हालांकि, छात्रों ने दोनों ही शुल्क वापसी को खारिज कर दिया है और शुल्क वृद्धि के खिलाफ महीने भर से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ ने कहा है कि सभी 17 (अध्ययन) केंद्रों ने सेमेस्टर परीक्षा का बहिष्कार करने का फैसला किया है, जो 12 दिसंबर से शुरू होनी हैं। विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कहा कि जो लोग परीक्षाओं में शामिल नहीं होंगे वे अपनी छात्र छात्रवृत्ति गंवा देंगे। 

फीस वृद्धि के विरोध में जेएनयू शिक्षक संघ के सदस्य अनशन पर बैठे

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने हॉस्टल शुल्क में वृद्धि के विरोध में बुधवार को एक दिन का अनशन शुरू किया। जेएनयूटीए ने कहा कि विश्वविद्यालय एक बड़े संकट से गुजर रहा है। संघ ने आरोप लगाया कि शिक्षकों और छात्रों की चिंताओं का समाधान करने के लिए प्रशासन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय कोई गंभीर प्रयास नहीं कर रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर जेएनयू के छात्र एक महीने से भी अधिक समय से हड़ताल पर हैं।

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