दिल्ली में क्लाउड किचन करना चाहते हैं शुरू? रजिस्ट्रेशन से लेकर लाइसेंस लेने के पढ़ें नियम
दिल्ली नगर निगम ने राजधानी में क्लाउड किचन के लिए नीति बनाई है। जिसमें उसने रजिस्ट्रेशन से लेकर लाइसेंस कैसे मिलेगा इसके नियम बनाए गए हैं। सरकार ने निगम को नियम बनाने के लिए कहा था।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बढ़ते उपयोग और क्लाउड किचन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए दिल्ली नगर निगम ने इसके लिए एक नीति बनाई है। पहले क्लाउड किटन को रेस्टोरेंट और ढाबे की शर्तों के तहत ही चलाया जा रहा था। अब एमसीडी ने मंगलवार को शहर में व्यापारिक गतिविधि के रूप में क्लाउड, डार्क और घोस्ट किचन जैसे स्वतंत्र फूड आउटलेट को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे पहले स्वतंत्र और सैटेलाइट रसोई के लिए लाइसेंस देने को कोई मानदंड निर्धारित नहीं थे।
मौजूदा व्यावसायिक किचन को रेस्तरां और ढाबों के लिए बनी शर्तों के आधार पर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइसेंस दिया जाता है। एक अधिकारी ने कहा, 'स्वतंत्र फूड आउटलेट्स की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए एमसीडी ने अलग-अलग नियम तैयार किए हैं, जिसके मुताबिक वह केवल 9 वर्ग मीटर के न्यूनतम फ्लोर एरिया वाले गैर-आवासीय भूखंडों पर तीन साल के लिए लाइसेंस जारी करेगा।'
भवन कम से कम तीन मीटर ऊंचा होना चाहिए। परिसर की धुलाई और सफाई की सुविधा के लिए फर्श और एक मीटर की ऊंचाई तक की दीवार चिकनी कंक्रीट सामग्री से बनी होनी चाहिए। एमसीडी के प्रस्ताव में कहा गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने अन्य शर्तें भी सूचीबद्ध की हैं और सभी नियमों और शर्तों के अनुपालन पर ही लाइसेंस दिए जाएंगे।
लाइसेंस के लिए 1,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस के साथ 20,000 रुपये का एकमुश्त पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। इसकी कीमत भी 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी। क्लाउड किचन के लिए दिल्ली फायर सर्विस के मानदंडों के अनुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। क्लाउड किचन को कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, जिसमें साफ-सफाई बनाए रखना और इसके बाहर किसी भी खाद्य सामग्री की बिक्री न करना शामिल है।
प्रस्ताव में कहा गया है, 'किसी जगह का लाइसेंस तभी दिया जाएगा जब संपत्ति के नीचे से कोई जल निकासी या सीवर लाइन नहीं गुजर रही हो।' दिल्ली सरकार ने क्लाउड किचन के लिए एक नीति की घोषणा की थी, लेकिन ऐसी सेवाओं के लिए लाइसेंस देने का अधिकार नगर निगम के पास है। इसके बाद एमसीडी को 'स्वतंत्र फूड आउटलेट' उपशीर्ष के तहत एक अलग श्रेणी बनाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया।
