Hindi Newsएनसीआर न्यूज़civic authorities are bankrupt Delhi high court on incident of death of 3 IAS aspirants in Old Rajinder Nagar

कोचिंग कांड पर HC सख्त; दिल्ली सरकार, MCD से पुलिस तक सबकी लगा दी क्लास

अदालत ने यह कहते हुए सिविक अथॉरिटी को फटकारा, 'मुझे कहने में दु:ख हो रहा है कि सिविक अथॉरिटी दिवालिया हो गए हैं।' अदालत ने कहा कि वो इन्फ्रास्ट्रक्चर औऱ सुरक्षा के मुद्दे पर ऐक्शन लेने में कमी रही।

कोचिंग कांड पर HC सख्त; दिल्ली सरकार, MCD से पुलिस तक सबकी लगा दी क्लास
Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 31 July 2024 07:54 AM
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दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में 27 जुलाई को पानी भरने से 3 IAS अभ्यर्थियों की मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में एक PIL दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली सरकार, MCD, दिल्ली पुलिस और सिविक अथॉरिटी सबकी क्लास लगा दी है। याचिकाकर्ता ट्रस्ट कुटुंब की तरफ से अदालत में मौजूद एडवोकेट रुद्र विक्रम सिंह ने अदालत के समक्ष कहा कि राजेंद्र नगर की घटना नई नहीं है। यह मुखर्जी नगर में हुई घटना और विवेक विहार में हुई अगलगी की घटना के समान ही है। 

इसी के साथ रुद्र विक्रम सिंह ने हाई कोर्ट के पुराने निर्देश को भी हाईलाइट करते हुए कहा कि अदालत ने मुखर्जी नगर में हुई घटना के बाद निर्देश दिया था कि सभी अवैध कोचिंग संस्थानों को बंद किया जाए। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों सौ साल पुराने इन्फ्रास्ट्रक्चर को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था? घटना पर बेहद सख्त अदालत ने आगे यह भी सवाल उठाया कि राजेंद्र नगर की घटना के दौरान बेसमेंट में पानी कैसे घुस गया? अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि आधारभूत संरचना को अपग्रेड नहीं किया गया था। 

अदालत ने यह कहते हुए सिविक अथॉरिटी को फटकारा, 'मुझे कहने में दु:ख हो रहा है कि सिविक अथॉरिटी दिवालिया हो गई है।' अदालत ने कहा कि वो इन्फ्रास्ट्रक्चर औऱ सुरक्षा के मुद्दे पर प्रभावकारी ऐक्शन लेने और जिम्मेदारी निभाने में कमी रही।

याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने अथॉरिटी को फटकारते हुए कहा कि आप बहुमंजिला इमारतें बनाने की इजाजत तो दे रहे हैं लेकिन वहां प्रॉपर तरीके से नाले नहीं हैं। आप मुफ्त में खरीदने वाली संस्कृति चाहते हैं टैक्स लेना नहीं चाहते हैं। यह तो होना ही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आगे कहा कि अथॉरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं लेकिन वो दिवालिया हैं और यहां तक कि सैलरी भी नहीं दे सकते हैं।

CBI से करवा सकते हैं घटना की जांच - HC

अदालत ने इशारा किया कि वो इस घटना की जांच सीबीआई या लोकपाल से करवा सकती है। अदालत ने कहा, 'जांच की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम इसकी जांच केंद्रीय एजेसी को देंगे। हम इसे या तो सीबीआई या फिर लोकपाल के अंदर लाएंगे। इससे बड़ी तस्वीर सामने आएगी। हम जिम्मेदारी तय करते हुए आदेश देंगे। यह काफी गंभीर घटना है। यह व्यापक पैमाने पर आधारभूत संरचना के टूटने का विषय है। सबसे पहले यह लापरवाही का केस है।' अदालत ने इस केस को आपराधिक लापरवाही कहा है।

पुलिस की भी लगी क्लास

अदालत ने कहा कि जिस तरीके से जांच चल रही है वो अजीब है। सड़क पर चलने वालों पर ऐक्शन लिया जाता है लेकिन एमसीडी अधिकारियों पर नहीं। दिल्ली पुलिस एक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लेती है लेकिन एमसीडी अधिकारियों को नहीं। जो पुलिस अफसर इस कोचिंग कांड की जांच कर रहे हैं वो क्या कर रहे हैं? सिर्फ एक एमसीडी अधिकारी को जेल भेजा गया है। आखिरकार किसी कि तो जिम्मेदारी होनी चाहिए। आपको (MCD)को जिम्मेदारी तय करने की जरुरत है। अदालत ने आदेश दिया है कि MCD के कमिश्नर, डीसीपी औऱ जांच अधिकारी शुक्रवार को अदालत में हाजिर हों।

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