दिल्ली के नजफगढ़ में 9 साल बाद केंद्र का 100 बेड वाला अस्पताल शुरू, 73 गांवों के 15 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले में केंद्र सरकार ने अपना छठा अस्पताल शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी गई है।
दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले में केंद्र सरकार ने अपना छठा अस्पताल शुरू कर दिया है। सौ बेड वाले इस अस्पताल को शुरू करने में नौ साल से ज्यादा समय लग गया। हालांकि, अब इससे 73 गांवों के लगभग 15 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार की तरफ से यह जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में दी गई है।
चीफ जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के समक्ष केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि नजफगढ़ स्थित रूरल हेल्थ ट्रेनिंग सेंटर (आरएचटीसी) में सातों दिन और 24 घंटे की आपातकालीन सेवा शुरू कर दी गई है। बाहरी मरीजों को देखने के लिए ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। हाल ही में खून आदि की जांच के लिए लैब भी शुरू हो गई है। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, प्रसव व परिवार नियोजन विभाग की शुरुआत बीती 27 अप्रैल से शुरू की गई।
इसलिए देरी हुई : अस्पताल की नींव फरवरी 2014 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रखी थी। तब से अब तक इसे बनने में कई तरह की अड़चनें आईं। इनका खुलासा तब हुआ जब वकील राजेश कौशिक ने अस्पताल के शुरू होने में हो रही देरी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की।
याचिका पर सुनवाई के दौरान पता चला कि अस्पताल के बनने में मुख्य दिक्कत पहले राज्य सरकार द्वारा पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने पर आई। जब इसकी अनुमति मिल गई तो अस्पताल की इमारत पूरी होने के बाद बिजली-पानी का कनेक्शन मिलने में देरी पर काम अटक गया।
अदालत ने फटकार लगाई : इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 15 फरवरी 2023 को केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र के मद्देनजर इस अस्पताल का जल्द चालू होना जरूरी है। पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया था कि चार सप्ताह के भीतर बिजली-पानी के कनेक्शन को बहाल कर अस्पताल शुरू किया जाए। इसी आदेश के तहत हाईकोर्ट को अस्पताल शुरू होने की जानकारी हलफनामे के माध्यम से दी गई है।
सूडान से आए यलो फीवर के मरीज भर्ती
केंद्र के हलफनामे में हाईकोर्ट को एक और विशेष जानकारी दी गई है। कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा आपात स्थिति में सूडान से आए पांच भारतीय नागरिकों में यलो फीवर के लक्षण पाए जाने पर उन्हें इसी नवनिर्मित अस्पताल में क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराया गया है।