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ऑक्सीजन की कमी मौतों के ऑडिट समिति को केंद्र ने किया खारिज : सिसोदिया

कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले लोगों की पुष्टि कर उनके परिवारों को मुआवजा देने के लिए बनाई गई समिति को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने...

ऑक्सीजन की कमी मौतों के ऑडिट समिति को केंद्र ने किया खारिज : सिसोदिया
वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्लीWed, 16 Jun 2021 10:03 PM
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कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले लोगों की पुष्टि कर उनके परिवारों को मुआवजा देने के लिए बनाई गई समिति को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार के इस फैसले को गैर जिम्मेदार बताते हुए कहा कि वह लोगों को मुआवजा देने से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकारों के कामकाज रोकना बंद करें। 

डिजिटिल प्रेस कांफ्रेस के जरिए मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित मामलों की संख्या संख्या तेजी से बढ़ी और अस्पतालों में ऑक्सीजन किल्लत शुरू हो गई। ऑक्सीजन की कमी के चलते कुछ लोगों की अस्पतालों में मौत हो गई। जिसपर दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से मरे प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 5 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर देने की घोषणा की। कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक  समिति का गठन किया। 

समिति का काम अस्पतालों में ऑक्सीजन से हुई मौत की ऑडिट करना था। इसकी पुष्टि करनी थी कितने लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। उसी के आधार पर मृतक के परिजनों को जल्द से जल्द मुआवजे की राशि दी जाती। सिसोदिया ने कहा कि दुख की  बात है कि अब केंद्र सरकार ने इस कमेटी को खारिज कर दिया है। जबकि कमेटी कोर्ट के आदेश पर गठित की गई थी। उन्होने केंद्र सरकार के इस रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी कोई राज्य सरकार कुछ अच्छा करने का प्रयास करती है चाहे वो महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल या दिल्ली हो, केंद्र सरकार उनके काम में अड़ंगा जरूर लगाती है।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि पहले केंद्र ने ऑक्सीजन का प्रबंधन ठीक से नहीं किया। अब उसकी कमी जिन लोगों की मौत हुई उनके परिवार की दिल्ली सरकार मदद करना चाहती है तो उसमें भी अड़ंगा लड़ा रही है। केंद्र से अपील है कि राज्य सरकारों के कामकाज में गैर जरूरी हस्तक्षेप बंद करें। 

भाजपा का बयान 
आक्सीजन की कमी से मरे मरीजों के मुआवज़े जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उपमुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया को ओछी राजनीतिक बयानबाजी करते देख दुख हो रहा है। उपमुख्यमंत्री का यह कहना कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के द्वारा गठित मुआवज़ा कमेटी को भंग कर दिया दुखद है। इससे अधिक भ्रामक कुछ नही हो सकता। सच यह है की माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 6 मई 2021 को ही दिल्ली में आक्सीजन कमी से हुई मौतों पर मुआवज़े तय करने लियें 4 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी, जिसमें डा. रणदीप गुलेरिया एवं डॉ. ए. बुधिराजा के अतिरिक्त केन्द्र एवं दिल्ली सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल थे। इस कमेटी को काम करते दस दिन हो गये थे, तब एक दिन अचानक दिल्ली सरकार ने 27 मई को अपनी नई कमेटी गठित कर डाली। सर्वोच्च न्यायालय की उच्च स्तरीय कमेटी की वरिष्ठता को देखते हुए ही दिल्ली सरकार को अपनी कमेटी भंग करने को कहा गया है। - प्रवीण शंकर कपूर, प्रवक्ता भाजपा दिल्ली प्रदेश

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