केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, अब सरकारी अधिकारियों को नहीं खाली करने होंगे आवास, पढ़ें पूरा मामला
केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से सरकारी कर्मचारियों के आवास खाली करने के मामले में राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। वहीं निजी कंपनी से जवाब मांगा है।
दक्षिण दिल्ली में खान मार्केट के पास सुजान सिंह पार्क में किराए पर रह रहे सरकारी अधिकारियों के आवास खाली करने के मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के मकान खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने मकान मालिक निजी कंपनी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के दिन से यथास्थिति जारी रहेगी। कोर्ट यह जांच करेगा कि संपत्ति से बेदखली का आदेश सही है या नहीं। पिछली सुनवाई पर केंद्र सरकार ने आरोप लगाया कि कंपनी की ओर से घर खाली कराने के लिए सरकारी अफसरों के घर बाउंसर भेजे जा रहे हैं। जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि वे बाउंसर भेज रहे हैं।
सरशोभा सिंह एंड संस के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पर भारी बकाया है, नोटिस जारी न करें, हम जवाब दाखिल करेंगे। गौरतलब है कि गत 25 मार्च को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना की बेंच उस समय हैरान हो गई थी, जब केंद्र सरकार ने बताया कि आवास खाली करने को एक कंपनी ने बाउंसर भेज दिए हैं। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र की अर्जी पर सुनवाई की जाएगी।
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