दिल्ली दंगे के दौरान राष्ट्रगान गाने को किया मजबूर, CBI करेगी फैजान मामले की जांच; पुलिस से क्यों नाराज हुआ HC
दिल्ली दंगे के दौरान मुस्लिम युवक को राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करने के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ही। घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें 23 साल के युवक को कथित तौर पर पीटा गया था।
दिल्ली दंगों के दौरान मुस्लिम युवक को पीटा गया फिर राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करने के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें 23 साल के युवक को कथित तौर पर पीटा गया और राष्ट्रगान गाने को मजबूर किया गया था। 23 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर एजेंसी ने मामले की जांच दिल्ली पुलिस से अपने हाथों में ले ली है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में फैजान को चार अन्य मुस्लिम युवकों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा पीटते, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' गाने के लिए मजबूर किए जाते हुए देखा जा सकता है। फैजान की मां किस्मतुन ने 2020 में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनके बेटे पर हमला किया और उसे अवैध रूप से हिरासत में लिया। इतनी ही नहीं हालत खराब होने पर स्वास्थ्य सेवा देने से मना कर दिया, जिसके कारण उसी साल 26 फरवरी को रिहा होने के बाद उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने 2022 में सीलबंद लिफाफे में अदालत में दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि दोषी कर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया अभी भी जारी है। मार्च में, उन्होंने अदालत को बताया कि वे गुजरात में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय से कुछ वीडियो फुटेज के फोरेंसिक विश्लेषण का इंतजार कर रहे हैं। अपने आदेश में, जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई 'बहुत कम, बहुत देर से' की गई।
जस्टिस ने कहा, 'यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि इस मामले में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के आरोप हैं, क्योंकि पुलिसकर्मियों का गैरकानूनी ऐक्शन, जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है, धार्मिक कट्टरता से प्रेरित थीं। इसलिए इसे 'घृणा-अपराध' माना जाएगा।' जस्टिस भंभानी ने कहा कि 'घृणा की भावना तब और ज्यादा बढ़ जाती है, जब ऐसा अपराध वर्दीधारी व्यक्तियों द्वारा किया जाता है।'
उन्होंने अपने आदेश में कहा, 'यदि यह मान भी लिया जाए कि फैजान और अन्य युवकों को दंगों के दौरान पहले भी कुछ चोटें लगी थीं, तो भी मौके पर मौजूद कई पुलिसकर्मी साफतौर पर फैजान और अन्य युवकों को घेरते, घसीटते, लात-घूंसों से पीटते, गाली-गलौज करते और उन्हें राष्ट्रगान गाने का आदेश देते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि वे गंभीर रूप से घायल और असहाय हालत में सड़क किनारे पड़े हुए हैं।'
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