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दिल्ली से सटे इस इलाके में निगम की 200 एकड़ जमीन पर कब्जा, कोर्ट पहुंचे लोग; क्या चलेगा बुलडोजर?

दिल्ली से सटे फरीदाबाद में नगर निगम की 200 एकड़ जमीन पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है। जिसको लेकर जमीन का विवाद अदालत तक पहुंच गया है। लोग भूमाफिया से मिले दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट पहुंचे हैं।

दिल्ली से सटे इस इलाके में निगम की 200 एकड़ जमीन पर कब्जा, कोर्ट पहुंचे लोग; क्या चलेगा बुलडोजर?
Sneha Baluniहिन्दुस्तान,फरीदाबादWed, 27 Sep 2023 07:53 AM
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दिल्ली सीमा से सटे बसंतपुर इलाके में बसी पांच कॉलोनियों में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नगर निगम की तरफ से जारी किए गए नोटिस के बाद शहर में एक बार फिर सरकारी जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण का मुद्दा गरमा गया है। बसन्तपुर इलाका तो एक बानगी है। नगर नगम सीमा में करीब 200 एकड़ सरकारी जमीन पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है। जिसको लेकर जमीन का विवाद अदालत तक पहुंच गया है। जमीन खरीदते वक्त भूमाफिया से मिले दस्तावेजों के आधार पर लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया हुआ है। राहुल कॉलोनी, नेहरू कॉलोनी इसकी तस्दीक करती हैं, जो नगर निगम की जमीन पर बसी हैं।

अरावली और नगर निगम के गांवों में सबसे ज्यादा कब्जा

वर्ष 1994 में नगर निगम बनने के बाद शहर के करीब 32 गांवों की पंचायत की जमीन नगर निगम के अधीन आ गई थी। तालाब से लेकर पशुओं के चरने के लिए छोड़ी देह शामलात जमीन के काफी हिस्से पर लोगों का कब्जा था। बाकी खेती के लिए पट्टे पर छोड़ी जाने वाले जमीन पर भी लोगों ने कब्जा कर लिया था। निगम ने जब उपरोक्त जमीन से कब्जा हटाने का प्रयास किया तो लोगों ने अपना मालिकाना हक का दावा किया और अदालत तक पहुंच गए। 

निगम के सूत्रों के मुताबिक बसन्तपुर इलाके में भी ऐसे ही काफी मामले हैं। लोगों ने अपनी खेतीं की जमीन बताकर वहां प्लाटिंग कर दी। खासतौर से भूमाफिया वहां सक्रिय हो गया और गरीब लोगों को किस्तों पर प्लॉट बेच दिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अरावली के वन आरक्षित क्षेत्र में बने गांव खोरी को तोड़ने के आदेश दिए थे। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अरावली के वन आरक्षित क्षेत्र अन्य निर्माणों को भी तोड़ने के लिए भी कहा था। 

इस आदेश का पालन करते हुए नगर निगम ने पहले खोरी गांव के करीब दस हजार मकान तोड़े थे। उसके बाद इस वर्ष सैनिक कॉलोनी के पास बसी जमाई कॉलोनी को भी नगर निगम ने साफ कर दिया। बहरहाल, कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी बुलडोजर नहीं चला है। जबकि नगर निगम के अपने सर्वे में ही अरावली में करीब 140 अवैध फार्म हाउस चिन्हित किये जा चुके है। वह विभाग भी अपने स्तर पर सम्बंधित फार्म हाउसों को नोटिस जारी कर चुका है। लेकिन सरकारी महकमों की यह कार्रवाई कागजों से बाहर नही निकल पा रही है। वहीं नगर निगम के एसडीओ सुरेंद्र हुड्डा ने कहा कि बसन्तपुर इलाके में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया गया था। अभी इस मामले की जांच की जा रही है।

सेहतपुर में निगम की जमीन पर भूमाफिया की नजर

दिल्ली सीमा से सटे गांव सेहतपुर में नगर निगम की करीब 20 एकड जमीन खाली पड़ी है। सोसायटी बनाने के लिए इस जमीन को बेचने के लिए नगर निगम ने अनेक बार योजना बनाई, लेकिन कामयाब नही हो पाई। अब यहां तालाब बना हुआ है। आसपास की आबादी का पानी इस जमीन में एकत्रित हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि जमीन खाली होने की वजह से इस पर अब भूमाफिया की नजर है। कब्जे हो रहे हैं। साथ ही जलभराव होने की वजह से जमीन की कीमत भी कम हो रही है। इस वजह से भी कोई खरीददार सामने आने को तैयार नही है।

सौ एकड़ पर बसी बस्ती

नगर निगम की सीमा में सरकारी जमीन पर करीब 66 स्लम बस्ती बसी हुई हैं। यह करीब 100 एकड जमीन में हैं। इनको हटाने के लिए नगर निगम अनेक बार स्लम फ्री योजना भी लेकर आई। जिसके तहत लोगों को सस्ती दरों पर पक्का मकान बनाकर बेचने का ऑफर भी कब्जाधारियों को दिया, लेकिन लोग सरकारी जमीन से कब्जा छोड़ने को तैयार नही हैं।