BCA करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली तो क्राइम में बना लिया ‘करियर'
बीसीए करने के बाद एक युवक की नौकरी नहीं लगी तो उसने अपराध की दुनिया में ‘करियर' बना लिया। उसने चार दोस्तों के साथ मिलकर गैंग बनाया और वारदात करने लगा। गैंग ने बीते तीन वर्षों में 100 से...
बीसीए करने के बाद एक युवक की नौकरी नहीं लगी तो उसने अपराध की दुनिया में ‘करियर' बना लिया। उसने चार दोस्तों के साथ मिलकर गैंग बनाया और वारदात करने लगा। गैंग ने बीते तीन वर्षों में 100 से अधिक लूटपाट की वारदात कर डालीं। उत्तर पश्चिम जिला पुलिस ने आरोपी को दो साथियों के साथ सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है।
डीसीपी विजयंता आर्या ने बताया कि 2 मई को मुकरबा चौक के पास बाइक सवार बदमाशों ने वाइन शॉप के कर्मचारी से 1.67 लाख रुपये लूट लिए थे। इस मामले की जांच के दौरान स्पेशल स्टाफ के प्रभारी इंस्पेक्टर बलिहर सिंह, एसआई आनंद सिंह, एसआई आनंद, एसआई कुलदीप और एसआई सपन ने घटनास्थल के आसपास के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। उन्हें एक फुटेज में संदिग्ध दिखाई दिया। 8 अगस्त को इसकी पहचान सद्दाम हुसैन के तौर पर हुई। इसके बाद पुलिस ने जहांगीरपुरी से सद्दाम को गिरफ्तार किया, जिसकी निशानदेही पर 12 अगस्त को साहिल और वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। इन्होंने महेंद्रा पार्क में 2 मई को हुई लूट में शामिल होना स्वीकार कर लिया है।
100 से अधिक वारदात : आरोपियों से पूछताछ में मालूम हुआ कि 25 साल के सद्दाम ने वर्ष 2016 में इग्नू से बीसीए किया था, मगर उसकी नौकरी नहीं लगी। खाली समय में वह जहांगीरपुरी स्थित अपनी तंबाकू की एजेंसी पर बैठता था, जहां पर उसकी मुलाकात जुनैद, रवि, रघु और वीरेंद्र से हुई। इनके प्रभाव में आकर वह अपराध की दुनिया में आ गया। वह अपना गिरोह बनाकर लूट, डकैती और झपटमारी करने लगा। गिरोह ने रिंग रोड से सटे उत्तर, उत्तर पश्चिम, रोहिणी और बाहरी जिले में 100 से अधिक वारदात कीं।
हाईटेक तरीके से लूट का माल ठिकाने लगाया
सद्दाम ने लूट के सामान को खपाने के लिए तकनीकी का सहारा लिया। उसने लूट के गहने सोने के बदले ऋण देने वाली कंपनियों में रखकर रुपये ले लिए। फिर दूसरे के कागजों पर बैंक खाते खुलवाए और उससे नकदी ई वॉलेट में भेज दी। ऐसे ही उसने लूट के वाहनों को बेचकर मिले रुपये के साथ भी किया।