दिल्ली में निर्माण कार्यों पर अगले आदेश तक रोक, निर्माण श्रमिकों को दिए जाएंगे 5-5 हजार रुपये : गोपाल राय
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर तेजी से खराब होती हवा के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आज कुछ सुधारात्मक उपायों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि...
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर तेजी से खराब होती हवा के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आज कुछ सुधारात्मक उपायों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में अगले आदेश तक निर्माण एवं तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सभी निर्माण श्रमिकों को पांच-पांच हजार रुपये दिए जाएंगे।
गोपाल राय ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए शुरू किए गए 'रेड लॉइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान को भी 18 दिसंबर तक आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों के अलावा अन्य सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सात दिसंबर तक बढ़ाया गया है। हालांकि, सीएनजी या बिजली से चलने वाले ट्रकों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। राय ने कहा कि गैर-प्रदूषणकारी निर्माण गतिविधियों जैसे प्लंबिंग कार्य, आंतरिक सजावट, बिजली का काम और बढ़ई के कामों की अनुमति दी जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि कम तापमान और हवा की गति कम रहने के कारण स्थिति स्थिर हो गई है और आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' रहने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुमान के मुताबिक अगर बारिश होती है तो स्थिति में सुधार हो सकता है।
Construction and demolition activities in Delhi to remain banned till further orders. Rs 5000 each will be given to all construction workers: Environment minister Gopal Rai pic.twitter.com/AZ7SaQ1eR8
— ANI (@ANI) November 29, 2021
दिल्ली में नहीं सुधरा प्रदूषण का हाल
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सोमवार को भी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 373 रहा। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (सफर) ने इसकी जानकारी दी। सफर ने कहा कि सोमवार को एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में बना रहा। 29 और 30 नवंबर को हवा की गति मध्यम स्तर की होगी, जिससे प्रदूषक कणों का बिखराव कम होगा और वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार आएगा, लेकिन एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में ही रहेगा।
एजेंसी ने बताया कि 1 दिसंबर से तेज हवाओं के चलने और तापमान में गिरावट आने से वेंटिलेशन कम होगा, नतीजतन वायु की गुणवत्ता में कुछ गिरावट आएगी। कम मश्रिण परत की ऊंचाई प्रदूषकों के कुशल फैलाव को रोकेगी। सोमवार को दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली जलाने से संबंधित प्रदूषण का योगदान तीन फीसदी रहा। एजेंसी के अनुसार, सोमवार को पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर की सांद्रता 10:00 बजे 'बहुत खराब' श्रेणी 215 और 'खराब' श्रेणी 348 में दर्ज किया गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आईटीओ, लोधी रोड और मंदिर मार्ग सहित राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता क्रमशः 420, 367 और 401 के एक्यूआई के साथ 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि आनंद विहार और जहांगीरपुरी में एक्यूआई क्रमशः 449 और 459 पर दर्ज किया गया, जो 'गंभीर श्रेणी' के अन्तर्गत आता है। दिल्ली के आसपास इलाकों में वायु गुणवत्ता कई श्रेणियों में दर्ज की गई। फरीदाबाद में एक्यूआई 303, गाजियाबाद में 376, गुरुग्राम में 410 और नोएडा सेक्टर-1 में 372 पर दर्ज किया गया।
प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर केंद्र से जवाब तलब
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के 'खतरनाक' स्तर के मद्देनजर निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (संसद एवं उसके आसपास निर्माण एवं पुनर्निर्माण परियोजना) निर्माण कार्य काम जारी रखने के मामले में सोमवार को केंद्र सरकार से जल्द जवाब तलब किया।
चीफ जस्टिस एन.वी. रमणा, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सरकार से जवाब तलब किया। दिल्ली में प्रदूषण के मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता आदित्य दुबे के वकील विकास सिंह द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य जारी रखने समेत कई मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदूषण रोकने के उपायों के तहत निर्माण कार्यों पर लगाई गई अस्थाई रोक के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य जारी है। इस पर बेंच ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जवाब देने को कहा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों को एक बार फिर फटकार लगाते हुए कहा है कि प्रदूषण की इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरीके से सख्ती से तत्काल पालन करें, अन्यथा उन्हें एक स्वतंत्र टास्क फोर्स गठित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कोर्ट ने संबंधित सरकारों से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उन्होंने खतरनाक वायु प्रदूषण को तत्काल कम करने के लिए अब तक क्या-क्या उपाय किए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन दिल्ली एनसीआर' द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अमल संबंधी तमाम जानकारियां हलफनामे के जरिए बुधवार तक अदालत के समक्ष पेश करें।
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने दिल्ली समेत अन्य संबंधित राज्य सरकारों से यह भी बताने को कहा है कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के कारण प्रभावित मजदूरों को उनके कल्याण कोष से मदद करने की स्थिति क्या है। प्रदूषण कम करने के एहतियाती उपाय के साथ ही प्रभावित मजदूरों को मजदूरी देने समेत तमाम मामलों से संबंधित एक्शन टेकन रिपोर्ट अगली सुनवाई दो दिसंबर से पहले हलफनामे के जरिए अदालत में पेश करें।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 साल के स्कूली छात्र की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछली सुनवाई के दौरान राजधानी दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर फिर से रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने बिजली और प्लंबरिंग से संबंधित कार्यों को प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा था।
पूर्व की सुनवाइयों के दौरान सर्वोच्च अदालत ने निर्माण कार्यों पर रोक समेत कई तरीके के प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन प्रदूषण में कमी का हवाला देते हुए 22 नवंबर को दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध हटा लिया था।