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कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कहा- समाज में गलत संदेश जाएगा

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शाहीन बाग इलाके में पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस के पूर्व MLA आसिफ मोहम्मद खान की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने सख्त टिप्पणियां की हैं।

कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कहा- समाज में गलत संदेश जाएगा
Krishna Singhएएनआई,नई दिल्लीSun, 29 Jan 2023 04:27 PM

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शाहीन बाग इलाके में पुलिस से कथित बदसलूकी के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आसिफ मोहम्मद खान की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री ने शनिवार को आदेश पारित करते हुए कहा- यदि कानून का पालन कराने वालों के साथ गाली-गलौज की जाती है या उन पर हमला किया जाता है और ऐसा कृत्य करने वाले आरोपियों को यदि जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी आसिफ मोहम्मद की जमानत याचिका खारिज की जाती है। 

अदालत ने आगे कहा- प्राथमिकी के अनुसार आरोपी ने शिकायतकर्ता सीटी धरमपाल को धमकी दी, आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और जनता को उकसाने की कोशिश की। आरोपी का कृत्य आईपीसी की धारा 353 के दायरे में है। गौर करने वाली बात यह भी कि दलीलों के दौरान, मौजूदा मामले के साथ ही पूर्व के विवादों से संबंधित अभियुक्त के वीडियो जांच अधिकारी की ओर से मोबाइल और लैपटॉप पर अदालत के समक्ष चलाए गए। यही नहीं अदालत के आदेश पर इन्हें आरोपी के वकीलों को भी दिखाया गया। 

वीडियो देखने के बाद अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जैसा कि अदालत को दिखाए गए वीडियो में नजर आ रहा है, प्रथम दृष्टया लगता है कि आरोपी के मन में देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है। ऐसा मालूम पड़ता है कि आरोपी खुद को कानून से ऊपर मानता है। जिस तरह से वह पुलिस अधिकारियों के साथ बात करते हुए नजर आ रहा है वह निंदनीय है। सरकारी अधिकारियों के साथ इस तरक ही बदसलूकी की अपेक्षा नहीं की जाती है। किसी से उम्मीद नहीं की जाती है कि वह कानून को अपने हाथ में ले और सरकारी अधिकारियों के साथ गलत व्यवहार करे।

दिल्ली पुलिस के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी का आचरण ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारियों पर हमला करने में सुसंगत है। आरोपी के खिलाफ मौजूदा केस समेत तीन अन्य मामले भी लंबित हैं। ये मामले लोक सेवकों को उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने से जुड़े हैं। बहस के दौरान आसिफ मोहम्मद की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि आरोपी को हिरासत में लेने के लिए उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया था। आरोपी पुलिस के खिलाफ सामाजिक मुद्दों को उठाता है। आसिफ मोहम्मद के वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपी को हिरासत में रखने पर अड़ी रही है।

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