मालीवाल पर हमले के बाद सीएम आवास पर बिभव के साथ मौजूद थे केजरीवाल, चार्जशीट में दावा
Swati Maliwal Assault Case: दिल्ली पुलिस ने आरोप-पत्र में कहा है कि स्वाति मालीवाल पर हमले के कथित अपराध के बाद बिभव कुमार और अरविंद केजरीवाल काफी समय तक सीएम आवास पर एक साथ मौजूद थे।
स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस के एक खुलासे से नया मोड़ आ गया है। दिल्ली पुलिस ने मामले की सुनवाई कर रही एक अदालत को बताया कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की ओर से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर किए गए हमले के पीछे की कथित साजिश की छानबीन कर रही है। पुलिस ने आरोप-पत्र में कहा है कि कथित अपराध के बाद बिभव कुमार और अरविंद केजरीवाल काफी समय तक सीएम आवास पर एक साथ मौजूद थे।
बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। फिलहाल बिभव कुमार न्यायिक हिरासत के तहत जेल में है। अंतिम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शिकायतकर्ता ने 10 जुलाई 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष आरोपी की जमानत पर सुनवाई के बाद दर्ज अपने पूरक बयान में कहा था कि जिस तरह से AAP के सभी नेता और कार्यकर्ता अपने ही एक सांसद के खिलाफ आरोपी बिभव कुमार के समर्थन में उतरे उससे पता चलता है कि हमले के पीछे एक बड़ी साजिश है।
इतना ही नहीं स्वाति मालीवाल ने पुलिस से इस तथाकथित साजिश की जांच करने की अपील की थी। चार्जशीट में कहा गया है कि स्वाति मालीवाल का बयान अपराध के बाद घटना के संबंध में पार्टी के दो जिम्मेदार लोगों की ओर से सार्वजनिक रूप से पूरी तरह से यू-टर्न लिए जाने के मद्देनजर मौजूदा जांच के लिए प्रासंगिक है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 500 पृष्ठों की चार्जशीट में लगभग 50 गवाहों के बयानों को शामिल किया गया है। यह चार्जशीट 16 जुलाई को दिल्ली की एक अदालत में दाखिल की गई थी। अदालत ने इसका संज्ञान 30 जुलाई को लिया था।
चार्जशीट में यह दावा किया गया है कि जांच से यह तथ्य सामने आया है कि अपराध के तुरंत बाद आरोपी बिभव कुमार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीएम आवास पर काफी समय तक साथ-साथ थे। ऐसे में बाद के दिनों में जिम्मेदार लोक सेवकों की ओर से लिए गए विरोधाभासी सार्वजनिक रुख की भी जांच की जानी चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी के हाथों पीड़िता पर किए गए कथित क्रूर हमले के पीछे कहीं कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी। दावा यह भी किया गया है कि संबंधित रिकॉर्डिंग उपकरणों को जब्त करने से पहले सीसीटीवी कैमरों के सलेक्टेड फुटेज मीडिया में लीक कर दिए गए थे।