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शुक्र है आपने बारिश का चालान नहीं किया, दिल्ली पुलिस को HC ने क्यों लगाई फटकार

दिल्ली के आईएएस कोचिंग सेंटर हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट का कहना है कि आपको पानी का भी चालान करना चाहिए था। वहीं एसयूवी ड्राइवर को जमानत मिल गई।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीSat, 3 Aug 2024 06:30 AM
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दिल्ली के आईएएस कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के सिलसिले में पुलिस ने पानी से लबालब भरी सड़क पर एसयूवी कार चलाने वाले एसयूवी ड्राइवर को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 50 साल के ड्राइवर मनोज कथूरिया को जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि 'शुक्र है आपने बारिश के पानी का चालान नहीं किया।' पुलिस का आरोप है कि जलमग्न सड़क के पानी पर तेज रफ्तार कार चलाने की वजह से लहरें उठीं जिससे कोचिंग सेंटर का दरवाजा टूट गया और बेसमेंट में पानी भर गया और छात्रों की मौत हो गई।

एसयूवी ड्राइवर मनोज कथूरिया को गुरुवार को दिल्ली की एक सेशंस कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि आरोपी को मामले में 'अति उत्साह में फंसाया गया' है। उसे 29 जुलाई को ओल्ड राजिंदर नगर स्थित राव के आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में डूबकर हुई तीन छात्रों की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। कथूरिया को गैर इरादतन हत्या के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

पानी का करते चालान

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने अब तक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के किसी भी अधिकारी से पूछताछ नहीं की है और न ही नगर निगम से संबंधित फाइल जब्त की है, जो एक महत्वपूर्ण सबूत हो सकता था। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ के हवाले से कहा कि जिस तरह से पुलिस इस मामले की जांच में आगे बढ़ रही है, उससे उसे पानी पर जुर्माना लगाना चाहिए था और कहना चाहिए था कि 'कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में घुसने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई।'

किसी से क्यों नहीं की पूछताछ

पीठ ने कहा, 'आपने (पुलिस ने) पूछताछ के लिए किसी को भी नहीं बुलाया। शुक्र है कि आपने बेसमेंट में घुसने वाले बारिश के पानी का चालान नहीं काटा। आप कहते कि पानी की हिम्मत कैसे हुई बेसमेंट में घुसने की। आप पानी पर भी जुर्माना लगा सकते थे, जिस तरह से आपने एसयूवी चालक को वहां कार चलाने के लिए गिरफ्तार किया।' अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस का सम्मान तब होता है जब वह अपराधी को गिरफ्तार करती है और निर्दोष को छोड़ देती है।

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