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10 साल शिक्षक रहे तो सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल बनेंगे, CAT का फैसला

कैट की पीठ ने अपने इस फैसले में यूपीएससी की दलीलों को खारिज करते हुए दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनने के लिए 10 साल की सेवा पूरी करने की कटआफ 29 जुलाई, 2021 माना है।

10 साल शिक्षक रहे तो सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल बनेंगे, CAT का फैसला
Praveen Sharmaनई दिल्ली। प्रभात कुमारSun, 28 May 2023 05:46 AM
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केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने अपने फैसले में कहा है कि 13 मई 2021 से 29 जुलाई 2021 के बीच 10 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक बनने के योग्य हैं। न्यायाधिकरण ने उन शिक्षकों की याचिका पर यह फैसला दिया है, जिन्हें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने प्रधानाध्यापक बनने के लिए 10 साल की सेवा में महज 15 दिन से 2 माह तक की कमी के चलते इस पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस रंजीत मोरे और मोहम्मद जमशेद की पीठ ने यूपीएससी की दलीलों को खारिज करते हुए दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनने के लिए 10 साल की सेवा पूरी करने की कटआफ 29 जुलाई, 2021 माना है। इसके साथ ही पीठ ने आयोग को उन सभी शिक्षकों का परिणाम घोषित करने के लिए कहा है, जिन्हें 10 साल की सेवा पूरी होने के चलते इस पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।

सरकार के पास फाइल भेजने के आदेश : न्यायाधिकरण ने निर्देश दिए कि परीक्षा में सफल होने वाले शिक्षकों को प्रधानाध्यापक नियुक्त करने के लिए फाइल सरकार के संबंधित विभाग को भेजे। न्यायाधिकरण के अंतरिम आदेश पर आयोग ने 10 साल से कम सेवा वाले शिक्षकों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने दिया था। पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सभी तथ्यों को देखने के बाद संघ लोक सेवा आयोग का रुख विरोधाभासी है। न्यायाधिकरण ने सतीश आनंद एवं अन्य शिक्षकों की ओर से अधिवक्ता अनुज अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया है।

कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रिया स्थगित की थी

संघ लोक सेवा आयोग ने 24 अप्रैल, 2021 को दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया। इसमें आयोग ने कहा है कि आवेदन करने की अंतिम तिथि तक 10 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक प्रधानाध्यापक बनने के योग्य होंगे, लेकिन अगले ही दिन आयोग ने कोरोना महामारी के चलते भर्ती विज्ञापन को स्थगित कर दिया। अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने बताया कि बाद में आयोग ने 10 जुलाई को दोबारा से प्रधानाध्यापक के खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया, परंतु योग्यता पूरी करने की कटऑफ तारीख को 13 मई, 2021 ही रहने दिया।

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