दिल्ली-NCR की हवा हुई और जहरीली, ठंड बढ़ने से सुबह सबसे ज्यादा प्रदूषण
विजयादशमी के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली हो गई है। धुंध की मोटी चादर ने चारों ओर से घेर लिया है और कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय...
विजयादशमी के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली हो गई है। धुंध की मोटी चादर ने चारों ओर से घेर लिया है और कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को 324 दर्ज किया गया। बोर्ड के अनुसार दशहरे पर आतिशबाजी की वजह से दिल्ली के 33 इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई जबकि दो इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर गंभीर पाया गया। आनंद विहार, डीटीयू, मुंडका, नरेला, नेहरू विहार और रोहिणी में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया।
फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गुरुग्राम का वायु गुणवत्ता सूचकांक भी शनिवार को 300 का स्तर पार कर गया। गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अधिक 374 रहा है। यहां प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर है। सीपीसीबी अफसरों के मुताबिक हवा की गति कम होने से धुंध की परत बनी हुई है। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। हवा तेज होने पर ही प्रदूषण कम होने की संभावना है।
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राजधानी में सुबह सबसे ज्यादा प्रदूषण
दिल्ली की आबोहवा में सुबह के समय प्रदूषण जानलेवा स्तर पर दर्ज किया जा रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे रोहिणी और बवाना में पीएम 2.5 का स्तर 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में प्रदूषण का स्तर इससे अधिक होने या फिर लंबे समय तक हवा में प्रदूषक कणों का यही स्तर बने रहने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है। दिन के मुकाबले रात व सुबह प्रदूषण दोगुने स्तर पर दर्ज किया जा रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार रात 10 बजे से शनिवार सुबह 10 बजे के बीच राजधानी के कई क्षेत्रों में पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर 400 से 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच रहा। वहीं, अधिकांश क्षे़त्रों में शनिवार सुबह 4 बजे से सुबह 10 बजे के बीच पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई। मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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ठंड बढ़ने से सुबह प्रदूषण बढ़ा
दिल्ली में ठंड बढ़ने की वजह से सुबह के समय प्रदूषण में स्तर में इजाफा हुआ है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फॉरर्कांस्टग एंड रिसर्च (सफर) के निदेशक डॉ. गुरफान बेग के अनुसार, ठंड बढ़ने के साथ ही वातावरण में नमी की मात्रा में भी वृद्धि होती है। इस दौरान वायुमंडल की जो ऊपरी सतह होती है, वह गर्मियों के मौसम के मुकाबले बहुत नीचे आ जाती है। इससे प्रदूषण के कण जो पहले ऊपरी वायुमंडल में चले जाते थे, वो नीचे फंस रह जाते हैं। आने वाले दिनों में जितनी ठंड व नमी बढ़ेगी, हवा में प्रदूषण का स्तर उतना ही बढ़ेगा।
दिल की बीमारी के साथ-साथ अस्थमा का भी खतरा
हवा में मौजूद पीएम 2.5 या उससे छोटे प्रदूषित कण सीधे सांस लेने के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत, खांसी, बुखार के अलावा घुटन महसूस होने की समस्या हो सकती है। ये हमारे नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकते हैं। वायु प्रदुषण से दिल की बीमारियों के अलावा ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा और निमोनिया भी हो सकता है।
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सुबह के वक्त बाहर निकलने से बचें
सुबह के समय तापमान कम होने की वजह से पीएम 2.5 और उससे छोटे कण जमीन के आसपास होते हैं। ऐसे में दिल और सांस रोगियों को सुबह बाहर नहीं निकलना चाहिए। जो लोग सुबह जॉगिंग के लिए बाहर निकलते हैं उन्हें भी बाहर निकलने से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि वह सुबह धूप निकलने के बाद बाहर जाएं। -प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स