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अब वृद्धाश्रमों में जाकर बुजुर्गों का इलाज करेंगे AIIMS के डॉक्टर, जानें इसका कारण

दिल्ली के 74 वृद्धाश्रमों में से 31 में इलाज की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में इन वृद्धाश्रमों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने बीड़ा उठाया है। एम्स के डॉक्टर इन...

अब वृद्धाश्रमों में जाकर बुजुर्गों का इलाज करेंगे AIIMS के डॉक्टर, जानें इसका कारण
नई दिल्ली | वरिष्ठ संवाददाताWed, 23 Jan 2019 02:03 PM
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दिल्ली के 74 वृद्धाश्रमों में से 31 में इलाज की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में इन वृद्धाश्रमों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने बीड़ा उठाया है। एम्स के डॉक्टर इन वृद्धाश्रमों (Old Age Homes) में रह रहे बुजुर्गों का इलाज करेंगे। 

एम्स की टीम ने दौरा किया : एम्स के जीरियाट्रिक मेडिसन विभाग के डॉक्टरों ने दिल्ली में इन 31 वृद्धाश्रमों का दौरा किया। इस दौरान इन्होंने पाया कि यहां बुजुर्गों के लिए कोई सुविधा नहीं है। 

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संक्रमण की दर अधिक : एम्स के जीरियाट्रिक मेडिसन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ़ प्रसून चटर्जी ने बताया कि इन वृद्धाश्रमों में संक्रमण दर बेहद अधिक है। इसके अलावा वृद्धाश्रमों में उन बुजुर्गों की संख्या काफी अधिक हैं, जिन्हें फ्रेक्चर हुआ है। इन बुजुर्गों में डिप्रेशन के मरीज भी काफी पाए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इन बुजुर्गों के लिए यहां स्वास्थ्य संबंधी कोई सुविधा नहीं है। वहीं, सफाई व्यवस्था भी बेहद खराब थी। 

अपना समय काट रहे : गंदगी की वजह से ही यहां पर संक्रमण के कारण बीमार होने के मामले अधिक हैं।यहां सिर्फ बुजुर्ग अपना समय काट रहे थे। उन्हें सक्रिय रखने के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। 

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हर महीने हेल्थ वैन भेजी जाएगी : वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों की स्थिति को देखते हुए जीरियाट्रिक विभाग और हेल्दी एजिंग संस्था ने फैसला लिया है कि वे महीने में एक बार हेल्थ मोबाइल वैन इन वृद्धाश्रमों में भेजेंगे, ताकि जिन बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है, उनका इलाज किया जा सके। .

डॉक्टर तैनात किए जाएंगे : इन बुजुर्गों में से जिनकी स्थिति ज्यादा गंभीर होगी, उन्हें एम्स लाया जाएगा। इस वैन में एम्स की तरफ से डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया जाएगा। इसके लिए जीरियाट्रिक विभाग तैयार है और ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों से बात की जा रही है, क्योंकि वृद्धाश्रम में रह रहे इन बुजुर्गों को जीरियाट्रिक डॉक्टरों के अलावा ट्रॉमा की भी जरूरत है। 

देखभाल के लिए वॉलेंटियर

जीरियाट्रिक मेडिसन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ़ प्रसून चटर्जी ने बताया कि जब इन बुजुर्गों को एम्स में लाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी तो हम एम्स में कुछ वॉलेंटियर भी रखेंगे। ये वॉलेंटियर इन बुजुर्गों का ध्यान रखेंगे और उनकी हालत की जानकारी डॉक्टरों को देंगे।

डिप्रेशन के मरीजों की संख्या अधिक

एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि वृद्धाश्रम में रह रहे इन बुजुर्गों में डिप्रेशन अधिक होने की पहली वजह इनके परिवार वाले हैं। परिवार वाले इन्हें आश्रमों में छोड़ गए और दोबारा कभी मिलने नहीं आए। यदि कोई मिलने आता भी है तो वह कुछ देर इनके पास रुकता है और फिर चला जाता है। दोबारा कोई परिजन आएगा या नहीं, इसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं होता है। ऐसे में यह अपने परिवार वालों के इंतजार में बैठे रहते हैं और उदास रहते हैं। साथ ही आश्रमों में अच्छी व्यवस्थाए नहीं मिलना भी डिप्रेशन की बड़ी वजह है।

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