सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद नोएडा-दिल्ली बार्डर पर अब कुछ राहत की उम्मीद
नोएडा-दिल्ली बार्डर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद लोगों को कुछ राहत की उम्मीद बंधी है कि शायद अब बार्डर पर हालात सामान्य होंगे। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली और...
नोएडा-दिल्ली बार्डर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद लोगों को कुछ राहत की उम्मीद बंधी है कि शायद अब बार्डर पर हालात सामान्य होंगे। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा तीनों राज्यों के लिए एक ही पास होना चाहिए। एक ही पोर्टल पर बनना चाहिए। इसके लिए केन्द्र सरकार के साथ मिलकर तीनों राज्यों की सरकारों को समाधान निकालना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर हिन्दुस्तान टीम ने बार्डर पर फंसे वाहन चालकों से बात की तो उनका सभी का दर्द छलक उठा। डीएनडी, कालिंदी कुंज और चिल्ला बार्डर नोएडा गेट पर वाहन चालकों की खासी भीड़ थी, जो बार्डर पार करने के लिए पुलिस से उलझ रहे थे। लेकिन पुलिस सिर्फ उन्हीं लोगों को बार्डर पार करने की अनुमति दे रही ती। जिनके पास इसके लिए गौतमबुद्धनगर प्रशासन द्धारा जारी पास था।
डीएऩडी पर फंसे पी.सी मिश्रा ने कहा कि वह लोकनिर्माण विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हैं और नोएडा में रहते हैं। जिनका इलाज दिल्ली में चल रहा है। लेकिन पुलिस उन्हें दिल्ली अस्पताल नहीं जाने देती। कहती है कि वह एम्बुलेंस बुला लें और एम्बुलेंस से जाए। दो माह में पांच बार बार्डर पर आकर वह लौट चुके हैं औरअपने डाक्टर से फोन पर ही बात कर दवाई ले रहे हैं। कालिंदी कुंज पर हेलमेट हाथ में लेकर पैदल ही आ रहे रिजवान ने कहा कि वह बिजली मैकेनिक है और एक दुकान पर काम करता है। पैदल ही बार्डर पार कर आ रहा है और हैलमेट इसलिए साथ लेकर चलता है कि रास्ते में किसी से लिफ्ट ले लेगा और अपना हैलमेट पहनकर उसके साथ बैठ जाएगा। पुलिस वाहन से उसे बार्डर नहीं पार करने देती।
बीस हजार लोगों की फंसी है नौकरी
नोएडा और दिल्ली के बीच करीब बीस हजार लोग ऐसे हैं , जो विभिन्न कंपनियों और प्रतिष्ठानों पर नौकरी करते हैं और इसके लिए वह दोनो राज्यों केबीच प्रतिदिन सफर करते हैं। लेकिन बार्डर पर हुई सख्ती के बाद वह अपनी ड्यूटी पर नहीं जा-आ पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें अपनी नौकरी जाने की चिंता भी सता रही है। वह अनेक बार पुलिस, प्रशासन और सरकार से गुहार लगा चुके हैं, कि उन्हें जाने की छूट दी जाए। यदि वह नहीं गये तो उनकी नौकरी चली जाएगी। लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
एनसीआर में एक ही नीति लागू हो : आईआईए
आईआईए के अध्यक्ष कुलमणि गुप्ता ने कहा कि उनकी मांग तो पहले से ही है कि पूरे एनसीआर के लिए एक ही नीति बनें और एक ही नियम लागू हों, क्योकि पूरा एनसीआर आपस में जुड़ा है। यदि एक ही पास हो जाएगा और आना-जाना आसान होगा और इसका लाभ उद्यमियों को मिलेगा। आर्थिक गतिविधियों को चलाने के लिए बार्डर का खोला जाना जरूरी है।