दिल्ली के बाद गुरुग्राम में बड़ा ऐक्शन, प्रशासन के रडार पर आए बेसमेंट; 3 सील
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे से सबक लेते हुए गुरुग्राम प्रशासने बड़ा ऐक्शन लिया है। पीजी, आवासीय भूखंड और मॉल- जो अवैध रूप से बेसमेंट से अपना बिजनेस चला रहे हैं, सभी जांच के दायरे में हैं।
दिल्ली में कुछ दिनों पहले एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत से सबक लेते हुए गुरुग्राम प्रशासन ऐक्शन मोड आ गया है। पेइंग गेस्ट (पीजी), आवासीय भूखंड और मॉल- जो अवैध रूप से बेसमेंट से अपना बिजनेस चला रहे हैं, सभी जांच के दायरे में आ गए हैं। गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने शनिवार को चारों जोन में बेसमेंट से चल रहे कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए इन्फोर्समेंट टीम तैनात की। इन टीमों ने ओल्ड डीएलएफ क्षेत्र, कृष्णा कॉलोनी और खांडसा रोड में तीन ऐसे सेंटरों को सील कर दिया।
नगर निगम के कमिश्नर डॉ. नरहरि सिंह बांगर ने कहा कि यदि कोई कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसे सील करने की कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल जून से अब तक नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीपी) ने बेसमेंट से बिजनेस/ऑफिस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान चलाने वालों को 1,150 नोटिस भेजे हैं और 750 को सील किया है। डीटीपी (इन्फोर्समेंट) मनीष यादव ने कहा कि वे उल्लंघनों पर नकेल कसने के लिए नियमित रूप से साइट का दौरा करते हैं। कोई भी बेसमेंट से किसी तरह का बिजनेस नहीं चला सकता।
यादव ने कहा, 'बेसमेंट का इस्तेमाल सिर्फ पार्किंग और स्टोरेज के लिए किया जा सकता है। हम कारण बताओ नोटिस भेजते हैं, फिर एक रिस्टोरेशन ऑर्डर, जिसके बाद या तो एफआईआर दर्ज की जाती है या बेसमेंट को सील कर दिया जाता है।' वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि साउथ सिटी, सुशांत लोक और डीएलएफ फेज 4 में कई मॉल और आवासीय भूखंडों में बेसमेंट से बिजनेस चल रहा है।
हरियाणा बिल्डिंग कोड, 2017 के अनुसार, बेसमेंट का निर्माण केवल घरेलू या अन्य गैर-अग्निशील सामग्रियों वाले सामान को स्टोर करने के लिए किया जा सकता है। इन्हें स्ट्रांग रूम, बैंक सेलर आदि बनाया जा सकता है।
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