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AAP का आरोप, एलजी नहीं कर रहे डॉक्टरों की भर्ती, उपराज्यपाल ने क्या दिया जवाब?

AAP का आरोप है कि एलजी वीके सक्सेना केजरीवाल सरकार को बदनाम करने के लिए डॉक्टरों के खाली पदों को नहीं भर रहे हैं। वहीं उपराज्यपाल वीके सक्सेना का कहना है कि यह काम दिल्ली सरकार करती है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 4 Aug 2024 06:07 PM
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आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि एलजी केजरीवाल सरकार को बदनाम करने के लिए डॉक्टरों के खाली पदों को नहीं भर रहे हैं। आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने रविवार को कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज अप्रैल 2023 से जून 2024 के बीच चार से अधिक बार पत्र लिखकर पदों पर भर्ती करने की अपील भी कर चुके हैं। खाली पदों पर भर्ती नहीं होने से अस्पतालों में मरीजों के इलाज प्रभावित हो रहे हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के बारे में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को कई बार पत्र लिखा है लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।भारद्वाज ने कहा- मैंने उन्हें कई बार एलजी को डॉक्टरों के 292 और विशेषज्ञों के 234 रिक्त पदों को भरने के लिए पत्र लिखा है। मैंने सुझाव दिया था कि चूंकि यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के माध्यम से भर्ती में समय लग रहा है, इसलिए डॉक्टरों को अनुबंध के आधार पर रखा जा सकता है।

सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सेवा विभाग को डॉक्टरों को अनुबंध पर नियुक्त करने का निर्देश दिया था लेकिन कोई भर्ती नहीं की गई। आप मुख्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में प्रियंका कक्कड़ और विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा को दिल्लीवालों के स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने एलजी के कमजोर कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाल दी है, जो उनसे संभल नहीं रही है। कम पढ़ी-लिखी भाजपा सरकार के अनुयायियों को भी पता है कि केंद्र ने दिल्ली सरकार से ट्रांसफर पोस्टिंग छीन ली है। हमारी मांग है कि सर्विसेज वापस हमें दे दिया जाए, ताकि हम डॉक्टर्स की नियुक्ति कर सकें।

वहीं उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को कहा कि नियुक्तियां, पदस्थापना और तबादले राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की ओर से तय किए जाते हैं, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करते हैं। राज निवास की ओर से जारी बयान के मुताबिक, विज्ञापनों और दुष्प्रचार के नाम पर 10 साल का कुशासन खत्म होने लगा है। अब जब व्यवस्था चरमरा रही है, तो मंत्री सौरभ भारद्वाज बहाने खोज रहे हैं।

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