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गाजियाबाद में रजिस्ट्री पर रोक से तनाव में 90 हजार परिवार, जानें कारण

अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक से वहां रहने वाले करीब 90 हजार परिवार तनाव में आ गए हैं। उन्हें चिंता सता रही है कि उनके फ्लैट या मकान की रजिस्ट्री हो पाएगी या नहीं। हालांकि, गुरुवार को डीएम...

गाजियाबाद में रजिस्ट्री पर रोक से तनाव में 90 हजार परिवार, जानें कारण
गाजियाबाद | नतिन कौशिकFri, 21 Dec 2018 02:07 PM
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अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक से वहां रहने वाले करीब 90 हजार परिवार तनाव में आ गए हैं। उन्हें चिंता सता रही है कि उनके फ्लैट या मकान की रजिस्ट्री हो पाएगी या नहीं। हालांकि, गुरुवार को डीएम ने 121 कॉलोनियों की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण इन्हें सूची से बाहर कर दिया। इस तरह 200 अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक जारी रखने का आदेश दिया है।

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जीडीए क्षेत्र का दावा था कि प्रधिकरण क्षेत्र में 321 अवैध कॉलोनियां थीं। जबकि 121 कॉलोनियों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। 200 अवैध कॉलोनियों में एक लाख से अधिक परिवार रहते हैं। स्टांप विभाग के अधिकारियों की मानें तो इन कॉलोनियों में सिर्फ 10 फीसदी रहने वाले परिवारों ने ही रजिस्ट्री करा रखी है। जबकि 90 फीसदी लोग बिना रजिस्ट्री कराए इन कॉलोनियों में रह रहे हैं। शहर में लगातार अवैध कॉलोनियों का जाल फैलने पर रोक लगाने के लिए डीएम ने 4 दिसंबर को अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था। तभी से अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। हालांकि अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक हटवाने की मांग को लेकर 7 दिसंबर से वकील और बैनामा लेखक हड़ताल पर हैं, लेकिन डीएम ने इस आदेश को वापस लेने से साफ मना कर दिया है। 

कलेक्ट्रेट और जीडीए के चक्कर काट रहे लोग

करीब 16 दिन से अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक से इन कॉलोनियों में रहने वाले परिवार काफी परेशान हैं। यह लगातार डीएम, जीडीए और तहसील के चक्कर काट रहे हैं। कुछ लोग बिल्डरों के पास जाकर अपना पैसा तक वापस मांग रहे हैं। अवैध कॉलोनी में रहने वाले हिमांशु मित्तल बताते हैं कि उन्होंने नवंबर में ही बिल्डर को फ्लैट की टोकन मनी दी थी, लेकिन अब बिल्डर से पैसा वापस ले रहा हूं। गोविंद बताते हैं कि एक साल पहले मकान खरीदा था, लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराई। अब चिंता सता रही है कि रजिस्ट्री होगी या नहीं।

ऐसे बिकते हैं प्लॉट और मकान

अवैध कॉलोनियों में फ्लैट, प्लॉट या मकान सेल एग्रीमेंट पर बेच दिए जाते हैं। बिल्डर सेल एग्रीमेंट बनाता है, जिस पर दोनों के साइन होते हैं। इसके अलावा कई बार पॉवर ऑफ आटार्नी पर भी इन्हें बेच दिया जाता है, लेकिन प्राधिकरण के बॉयलाज के अनुसार यह मान्य नहीं होता है। 

यहां हैं अवैध कॉलोनियां

जीडीए के आठ जोन हैं। इनमें सबसे ज्यादा 150 अवैध कॉलोनियां जोन आठ में हैं। इसके अलावा जोन दो में 75, जोन तीन में 39, जोन चार 30, जोन पांच में 15, जोन सात में सात, जोन एक में चार, जोन छह में एक अवैध कॉलोनी है।

तहसील में चल रही है हड़ताल

अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक का विरोध तहसील बार एसोसिएशन कर रही है। वह 7 दिसंबर से हड़ताल पर है। एसोसिएशन के अध्यक्ष लोमेश भाटी का कहना है कि अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। यह नियम के विरुद्ध है। इसी का विरोध एसोसिएशन कर रही है। इसी के चलते बुधवार को एसोसिएशन ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय पर ताला जड़ दिया था। धौलाना विधानसभा के बीएसपी विधायक असलम चौधरी ने अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का मामला विधानसभा में उठाने के लिए प्रश्न लगाया है। शासन ने भी इस मामले पर डीएम गाजियाबाद से जवाब मांगा है। बता दें कि विधानसभा में कोई भी विधायक संविधान के अनुच्छेद की धारा-51 के तहत किसी भी जिला प्रशासन की वर्किंग को लेकर लिखित में सवाल पूछ सकता है। 

राजस्व वसूली में घाटा

स्टांप विभाग को दिसंबर में रजिस्ट्री से 145.25 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य मिला है। जबकि एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक स्टांप विभाग सिर्फ 28.17 करोड़ रुपये की वसूली कर सका है। इस हिसाब से वसूली का प्रतिशत सिर्फ 19 फीसदी रहा है। वहीं, नवंबर महीने में यह वसूली 88.9 फीसदी की गई थी।  

डीएम के आदेश के बाद चार दिसंबर से अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। इस रोक के कारण 15 दिसंबर तक लक्ष्य से सिर्फ 19 फीसदी ही वसूली हुई है। यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी। -मेवा लाल पटेल, एआईजी, स्टांप विभाग

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