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3 दिन में 75 लाशें; नोएडा में भीषण गर्मी के बीच मौत ही मौत, पोस्टमॉर्टम के लिए लाइन 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भीषण गर्मी के बीच गौतम बुद्ध नगर के जिला स्वास्थ्य विभाग को तीन दिनों के भीतर पोस्टमार्टम के लिए कम से कम 75 शव मिले। जबकि औसतन 7 से 8 शव ही आते थे।

Admin पीटीआई, नोएडा
Fri, 21 Jun 2024, 08:43:PM
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दिल्ली-एनसीआर में इस बार की गर्मी ने किस कदर कहर ढाया, इसका अंदाजा नोएडा में शवों के पोस्टमर्टम की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भीषण गर्मी के बीच यहां जिला स्वास्थ्य विभाग को 18 से 20 जून तक तीन दिनों के भीतर पोस्टमार्टम के लिए कम से कम 75 शव मिले।

गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर एक दिन में पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शवों की संख्या औसतन सात या आठ के आसपास होती है। उन्होंने इतनी संख्या में मौतों को अप्रत्याशित बताया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने निर्णायक रूप से यह नहीं कहा है कि ये मौतें सीधे तौर पर हीटस्ट्रोक के कारण हुईं।

गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि काफी अप्रत्याशित है। आम तौर पर प्रतिदिन 7-8 मामले होते हैं। 18 जून को हमें 28 शव मिले। 19 जून को 25 शव मिले और 20 जून की शाम तक हमें 22 शव मिले थे। उन्होंने कहा कि इन शवों में से 10 अज्ञात लोगों के थे।

सीएमओ ने कहा कि मौत के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए पोस्टमार्टम ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। शर्मा ने कहा कि आम तौर पर उनके पास दिन के दौरान छह से सात मामले आते थे और रात में एक। इसे एक डॉक्टर द्वारा किया जा सकता था। लेकिन, पिछले तीन दिनों में मामलों की संख्या बढ़ने के कारण तीन डॉक्टरों की सेवाओं की जरूरत थी।

लू के प्रभाव पर सीएमओ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सामान्य गर्मी नहीं है। इस गर्मी की बात ही कुछ और है। मौसम में नमी की मात्रा भी पिछले कुछ समय से बढ़ी है। यह कष्टदायक गर्मी है और इसमें मौत की संभावना भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि गर्मी का असर हर किसी पर एक समान नहीं होता है। जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं वे इसे सहन कर सकते हैं। अगर आप ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और पेड़ों के नीचे समय बिताते हैं, तो शायद आप भी गर्मी सहन कर सकते हैं।

सीएमओ ने कहा कि यहां निर्माण श्रमिकों, सुरक्षा कर्मियों, यातायात पुलिस और स्वयंसेवकों को अपने सिर पर टोपी का उपयोग करना होगा। ओआरएस का सेवन करना होगा और लंबे समय तक खुले में नहीं रहना होगा। ऐसे उपाय जीवन बचाने में मदद कर सकते हैं।

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