वायरस भेज विदेशियों से वसूली करने वाले तीन लोग ग्रेटर नोएडा से पकड़े
ग्रेटर नोएडा में बैठकर विदेशी लोगों के कंप्यूटर पर वायरस भेजकर फिरौती मांगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इकोटेक थाना क्षेत्र की पुलिस और साइबर सेल ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस...
ग्रेटर नोएडा में बैठकर विदेशी लोगों के कंप्यूटर पर वायरस भेजकर फिरौती मांगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इकोटेक थाना क्षेत्र की पुलिस और साइबर सेल ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से सात सीपीयू, दो लैपटॉप, सात हार्ड डिस्क, 19 चेकबुक और एक डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। इन्हें इकोटेक-3 इलाके स्थित पुलिस लाइन से सटी बिल्डिंग से बुधवार सुबह पकड़ा गया है।
नौकरी के नाम पर ठगने वाले एक और फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 8 दबोचे
आरोपियों की पहचान साहिबाबाद के तनुज मावी, इंदिरापुरम के आदर्श शर्मा और यमुना विहार दिल्ली के ललित चौधरी के रूप में हुई है। एसएचओ अनीता चौहान ने बताया कि आरोपी अमेरिका और फिलीपींस के यूजर्स के कंप्यूटर पर पॉपअप नोटिफिकेशन के जरिए मालवेयर भेजते थे। जो भी यूजर उसे क्लिक कर देता था उसके सिस्टम में वायरस पहुंच जाता था। इसके बाद ये लोग वायरस हटाने के नाम पर मोटी रकम लेते थे। इस तरह की ठगी करने से पहले यह लोग कुछ कंपनियों में काम कर चुके हैं और वहीं से इन्होंने विदेशियों का डाटा चुरा लिया था।
#NoidaPolice ~ लैपटॉप व कंप्यूटर में वायरस के नाम पर देश-विदेश के लोगों से फर्जीवाड़ा कर रूपये हडपने वाले 03 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से 07 सीपीयू, 02 लैपटॅाप, डीबीआर, 07 हार्डडिस्क, 02 लैपटॅाप चार्जर, 19 चैकबुक, 05 पैनकार्ड, डेबिट कार्ड व 05 बिलो की फाइल बरामद। @Uppolice pic.twitter.com/0TqqXWLhcH
— NOIDA POLICE (@noidapolice) November 28, 2018
पहले छह लोग गिरफ्तार हुए थे : नोएडा पुलिस ने कुछ दिन पहले वायरस हमला कर को विदेशियों से वसूली करने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया था। ये लोग यूएसए व कनाडा के लोगों कंप्यूटर सिस्टम साइबर हमला कर वसूली करते थे। फिर सिस्टम को दुरुस्त करने के नाम पर डॉलरों में ठगी करते थे। आरोपी हजारों डॉलर की ठगी कर चुके थे।
शटडाउन करने से सिस्टम ठीक हो सकता था : पकड़े गए साइबर अपराधियों द्वारा भेजे हुए पॉप-अप से सिस्टम में कोई परेशानी नहीं आती है। एक बार शटडाउन करने से ऑटोमेटिक सब ठीक हो जाता था मगर यूएसए व कनाडा में काफी संख्या में लोग जल्दबाजी में उसे अपडेट करने के लिए डॉलर में पैसे देने को तैयार हो जाते थे। इसलिए उनसे अमेरिका के ही पेपल गेटवे से डॉलर में पैसे मंगाते थे। इसके बाद इस पैसे को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे।