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चिट फंड स्कीम में लोगों से ठगे 20 करोड़ रुपए, बेटा-बहू समेत रिटायर्ड बैंक मैनेजर गिरफ्तार

दिल्ली में लोगों से 20 करोड़ ठगने के मामले में बैंक मैनेजर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक चिट फंड स्कीम के माध्यम से रिटायर्ड बैंक मैनेजर ने लोगों से 20 करोड़ रुपए ठग लिए।

चिट फंड स्कीम में लोगों से ठगे 20 करोड़ रुपए, बेटा-बहू समेत रिटायर्ड बैंक मैनेजर गिरफ्तार
Mohammad Azamएएनआई,नई दिल्लीThu, 30 Mar 2023 08:33 AM
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दिल्ली में लोगों से 20 करोड़ ठगने के मामले में बैंक मैनेजर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक चिट फंड स्कीम के माध्यम से रिटायर्ड बैंक मैनेजर ने अपने बेटे और बहू के साथ मिलकर 36 लोगों से 20 करोड़ रुपए ठग लिए। करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपियों की पहचान इकबाल बहादुर बवेजा, परमीत सिंह बवेजा और बहू जसनीत कौर बवेजा के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 209, 34, और 120 बी और प्राइज़ चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (प्रतिबंध) अधिनियम की 4, 5 और 6 के तहत शिकायत दर्ज किया था।

पुलिस ने अनुसार, शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह आनंद ने आरोप लगाया कि इकबाल, परमीत, जसनीत और तजिंदर रिजाक चिट फंड और पीएसबी चिट फंड के नाम से चिट फंड घोटाला चला रहे थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बड़े पैमाने पर लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अच्छे रिटर्न के सपने भी दिखाए। आरोपियों ने लोगों से चिट फंड और लोन के नाम पर एक बड़ी राशि (लगभग 20 करोड़ रुपये) लिए और बेनाम जगह पर भाग गए।

जांच के दौरान पीड़ितों के बयान दर्ज किए गए जिन्होंने आरोपी परिवार के खिलाफ आरोप लगाया, संबंधित बैंक स्टेटमेंट की जांच की गई और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने प्रयास करना शुरू कर दिया। पुलिस ने बाद में आरोपियों को 'घोषित अपराधी' घोषित कर दिया क्योंकि वे गिरफ्तारी से बच रहे थे।

पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) अनीश रॉय ने कहा कि आरोपियों को मध्य प्रदेश के पन्ना में ट्रेस किया गया और मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, इकबाल एक बैंक का रिटायर्ड अधिकारी है। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट के पैसे से एक चिटफंड कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया और अपने परिवार के सदस्यों को इसमें शामिल किया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी उच्च ब्याज दरों पर पैसा प्राप्त करते थे और फिर उसे घुमाते थे। उन्होंने अपने निवेश के खिलाफ सुरक्षा के रूप में जनता को चेक, वचन पत्र, भुगतान रसीद आदि भी जारी किए।

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