बेरोजगारों को देते थे जिगोलो बनाने का ऑफर, हाई प्रोफाइल महिलाओं की फोटो दिखा 2 सगे भाई चला रहे थे ठगी का धंधा
दिल्ली-एनसीआर के सैकड़ों बेरोजगार युवाओं को जिगोलो बनाने का लालच देकर ठगने के मामले में नोएडा पुलिस ने दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों युवक दिल्ली के रहने वाले हैं।

दिल्ली-एनसीआर के सैकड़ों बेरोजगार युवाओं को जिगोलो बनाने का लालच देकर ठगने के मामले में नोएडा पुलिस ने दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों युवक दिल्ली के रहने वाले हैं और सोशल मीडिया पर हाई प्रोफाइल महिलाओं से मीटिंग कराने का झांसा देकर फ्रॉड करते थे।
पुलिस उपायुक्त (नोएडा) शक्ति अवस्थी ने बताया कि दोनों भाई इंटरनेट के जरिए अपने टारगेट की तलाश करते थे और उन्हें लुभाने के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खातों का इस्तेमाल करते थे।
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों की पहचान पूर्वी दिल्ली में गीता कॉलोनी निवासी केतन अरोड़ा और चिराग अरोड़ा के रूप में हुई है, लेकिन उनके उपनाम विशाल और सुमित थे। उन्होंने बताया कि सेक्टर 58 थाने के अधिकारियों ने आईटी सेल की मदद से उन्हें गिरफ्तार किया।
डीसीपी अवस्थी ने कहा, "उन्होंने नौकरी चाहने वाले बेरोजगार लोगों को फोन किए और फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 'फ्रेंडशिप क्लब' नाम से पेज बनाए। आरोपी इन पेजों को लाइक या फॉलो करने वालों को मैसेज करते थे, उनके फोन नंबर लेते थे और उनसे बात करते थे।"
अधिकारी ने कहा, "एक बार जब उन्होंने फोन पर बात की, तो आरोपियों ने इन लोगों को स्पा सेंटरों में जिगोलो की नौकरी दिलाने में मदद करने की पेशकश की और कहा कि वे प्रति ग्राहक 25,000 रुपये से 30,000 रुपये कमा सकते हैं।"
अवस्थी ने कहा कि बाद में, आरोपी उन लोगों को वॉट्सएप पर इंटरनेट से डाउनलोड की गई महिलाओं की तस्वीरें भी भेजते थे ताकि उन्हें और लुभाया जा सके।
उन्होंने कहा कि ये दोनों महिलाओं की आवाज में बोलने का नाटक करते हुए पुरुषों को यह कहते हुए भी फंसाते थे कि वे एक हाई-प्रोफाइल क्लाइंट की ओर से बोल रहे हैं और कभी-कभी खुद को क्लाइंट के रूप में पेश करते थे।
अधिकारी ने उन दोनों के तौर-तरीकों पर कहा कि आरोपियों ने पुरुषों से कहा कि जिगोलो बनने के लिए उन्हें कुछ पैसों के बदले उनके 'फ्रेंडशिप क्लब' की सदस्यता लेनी होगी, आमतौर पर इसकी फीस 3,000 रुपये से 4,000 रुपये के बीच होती थी।
उन्होंने कहा, "ये ऐसे क्लब थे जिनमें महिला सदस्य थीं और जो (जिगोलो) सेवाएं चाहती थी, आरोपी ने नौकरी चाहने वालों को यही बताया था।"
इसके बाद वे नौकरी चाहने वालों को सर्विस, सिक्योरिटी मनी, प्रोसेसिंग फीस, या अन्य शुल्कों के लिए या फिर "किट" के बहाने और पैसे देने के लिए कहते थे और रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करा लेते थे।
अवस्थी ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 58 थाने में एक व्यक्ति द्वारा 1.83 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। केस की जांच के दौरान पुलिस दोनों भाइयों तक पहुंची। आज तक, आरोपियों ने दिल्ली-एनसीआर में सैकड़ों पुरुषों से लाखों रुपयों की ठगी की है।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने अरोड़ा भाइयों से 13 मोबाइल फोन, 10 डेबिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, एक वोटर आईडी, एक पैन कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी आईडी पर खरीदे गए चार सिम कार्ड और 29,000 रुपये नकद बरामद किए हैं।
पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।