नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 10वें दौर की वार्ता अब खत्म हो गई है। 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी। 10वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के साथ बेहद सकारात्मक बातचीत हुई। चर्चा के दौरान, हमने कहा कि सरकार एक या डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को रखने के लिए तैयार है। मुझे खुशी है कि किसान यूनियनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और कहा है कि वे कल इस पर विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला बता देंगे। तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है और 22 जनवरी को एक प्रस्ताव मिलने की संभावना है। बैठक के दौरान सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
LIVE UPDATES
- दिल्ली : नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है। सरकार 1 से डेढ़ साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है। इस दौरान किसान यूनियनें और सरकार बात करें और समाधान तलाश करें।
I feel that talks are progressing in the right direction and there is a possibility of finding a resolution on Jan 22: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/QqChrpXL9E
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए। किसान यूनियनें कानून वापसी की मांग पर थीं और सरकार खुले मन से कानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी।
- दिल्ली : कृषि कानूनों पर 10वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के साथ बेहद सकारात्मक बातचीत हुई।
- दिल्ली : किसान नेता दर्शन पाल सिंह कहा कि बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई। सरकार ने कहा कि हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1-1.2 साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 कानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी। हमने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।
- दिल्ली : किसान नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर कानून को 1.5-2 साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे। हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे।
हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे: किसान नेता, सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता के बाद #FarmersProtest https://t.co/OfMmQ7yHnV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
- दिल्ली : दसवें दौर की वार्ता के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार ने कहा है कि वह डेढ़ साल के लिए कानूनों को निलंबित करने के लिए तैयार है। जवाब में, किसानों ने कहा कि कानूनों को निलंबित करने का कोई मतलब नहीं है और यह स्पष्ट किया है कि हम कानूनों को रद्द करना चाहते हैं।
Govt has said it is ready to suspend the laws for one and half a year. In reply, farmers said that there is no point in suspending the laws and made it clear that we want the repeal of the laws: Farmer leader after tenth round of talks https://t.co/vYqeRuk2LV pic.twitter.com/K1tQN4TeHq
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- दिल्ली : किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों पर 10वें दौर की वार्ता नई दिल्ली के विज्ञान भवन में संपन्न हो गई। 22 जनवरी को 11वें दौर की वार्ता होगी।
- दिल्ली : सूत्रों के अनुसार, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनो को बताया है कि सरकार किसानों के मन में किसी भी तरह की शंका को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देने को तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर दोनों पक्षों को बैठक समाप्त होने से पहले आम सहमति तक पहुंचना चाहिए।
- दिल्ली : सूत्रों के अनुसार, कृषि मंत्री ने कृषि कानूनों पर क्लॉज वार चर्चा करने के लिए किसान यूनियनों से किसानों और सरकार के प्रतिनिधित्व वाली एक कमेटी बनाने को कहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह कानूनों को लागू करने पर एक साल तक इंतजार कर सकती है।
Agriculture Minister to farmer unions-Constitute committee with farmers & govt reps as members. Committee to discuss laws clause wise. While court has put farm laws in abeyance for 2months, if needed&consultations are on, govt can wait for a year for their implementation: Sources https://t.co/uPPtRtKhvi
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- दिल्ली : नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर कथित रूप से जहरीला पदार्थ खाने वाले एक किसान की बुधवार को दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
- गाजियाबाद में दिल्ली-यूपी सीमा पर आंदोलनकारी किसानों ने गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई।
Agitating farmers at Delhi-UP border in Ghaziabad celebrate the birth anniversary of Guru Gobind Singh pic.twitter.com/wB1AYnwYrI
— ANI UP (@ANINewsUP) January 20, 2021
- दिल्ली : भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के वकील, ए.पी. सिंह ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड को रोकने की याचिका पर कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखना दिल्ली प्रशासन की जिम्मेदारी है। इसमें कोर्ट कुछ नहीं कर सकता।
आज सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड को रोकने की याचिका पर कहा कि दिल्ली में क़ानून व्यवस्था बनाए रखना दिल्ली प्रशासन की ज़िम्मेदारी है। इसमें कोर्ट कुछ नहीं कर सकता: भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के वकील, ए.पी. सिंह pic.twitter.com/meMxuPaZzJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
- दिल्ली : किसान संगठनों और केंद्र के बीच तीन कृषि कानूनों पर दसवें दौर की बातचीत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू हो चुकी है। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं।
The tenth round of talks between farmer unions and the Centre over the three farm laws begins at Vigyan Bhawan in New Delhi. https://t.co/oqPjGpHgyu pic.twitter.com/XrpvrwWxKy
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल किसानों के साथ बैठक करने के लिए विज्ञान भवन पहुंचे। आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता होनी है।
Delhi: The tenth round of talks between farmer leaders and Centre over the three Farm Laws to begin shortly; Union Ministers Narendra Singh Tomar and Piyush Goyal arrive at Vigyan Bhawan pic.twitter.com/5WgUGMmNe5
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- दिल्ली : ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि पहली बैठक में हमारे नेताओं से स्पष्ट कह दिया था कि अगली बैठक रखते हैं तो मन बनाकर आएं कि कानून रद्द करना है और MSP पर कानून बनाने से नीचे कोई बात शुरू नहीं होगी। आज उम्मीद है कि कि सरकार ने मन बनाया होगा।
- दिल्ली : केंद्र सरकार के साथ होने वाली 10वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने बताया कि हम बैठक और आंदोलन भी करेंगे। किसान यहां से तब तक वापस नहीं जाएगा जब तक सरकार MSP पर कानून, 3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करेगी।
Delhi: A delegation of farmer leaders arrive at Vigyan Bhawan for the tenth round of talks with Union Government on the three Farm Laws pic.twitter.com/hMfCLMLd7o
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- पंजाब : तरनतारन जिले के हरिके पट्टन से सैकड़ों किसान गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली से पहले दिल्ली के लिए रवाना हुए।
Punjab: Farmers assemble at Harike Pattan in Tarn Taran district to head to Delhi, ahead of their proposed tractor rally on Republic Day. pic.twitter.com/fVRysp13GD
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को पुलिस का मामला बताए जाने के बाद मामले में कोर्ट से हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका वापस ले ली। सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर दायर याचिका पर कहा, आप प्राधिकार हैं और आपको इससे निपटना है, इस पर आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं है।
Advocate appearing for Kisan Mahapanchayat tells Supreme Court that application has been filed on their behalf to reconstitute the Committee after one member recused from it.
— ANI (@ANI) January 20, 2021
Supreme Court asks whether it's the same org which rejected the constitution of committee yesterday. https://t.co/iikN1VNGAB
- गाजीपुर बॉर्डर : भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक कानून बनाना होगा और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा। हमारा विरोध सरकार और कॉर्पोरेट सिस्टम के खिलाफ है।
The government has to make a legislation on Minimum Support Price and repeal the three farm laws. Our protest is against the govt and the corporate system: Rakesh Tikait, spokesperson, Bhartiya Kisan Union, ahead of the 10th round of farmer-Centre talks pic.twitter.com/MO8Amqo8Ps
— ANI (@ANI) January 20, 2021
- सिंघु बॉर्डर : किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता को लेकर सिंघु बॉर्डर पर डटे एक किसान नेता ने कहा कि आज की बैठक भी पहले जैसे ही होगी। बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं। जब भी बैठक होती है हम इसलिए जाते हैं कि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका हल निकाले, लेकिन हल निकालने का सरकार का अभी भी मन नहीं बना है।
आज की बैठक भी पहले जैसे ही होगी। बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं। जब भी बैठक होती है हम इसलिए जाते हैं कि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका हल निकाले। लेकिन हल निकालने का सरकार का अभी भी मन नहीं बना है: किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता पर एक किसान नेता, सिंघु बॉर्डर #farmslaws pic.twitter.com/hAulma5jYO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
-दिल्ली : किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पुलिस के साथ होने वाली बैठक के लिए विज्ञान भवन पहुंचा। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि हम 26 जनवरी को सरकार की परेड में बाधा नहीं डालेंगे। हम उनसे कहेंगे कि ट्रैक्टर रैली के लिए रिंग रोड ठीक रहेगा क्योंकि ट्रैक्टर बहुत ज्याद होंगे।
किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पुलिस के साथ होने वाली बैठक के लिए विज्ञान भवन पहुंचा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया, "हम 26 जनवरी को सरकार की परेड में बाधा नहीं डालेंगे। हम उनसे कहेंगे कि ट्रैक्टर रैली के लिए रिंग रोड ठीक रहेगा क्योंकि ट्रैक्टर बहुत ज़्यादा होंगे।" pic.twitter.com/b2Zjr6o7PJ
- सिंघु बॉर्डर : किसानों और सरकार के बीच आज की वार्ता पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि दो दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे। सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है। इस परिस्थिति में बहुत कुछ होगा ऐसी कोई उम्मीद नहीं है।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।