JP के सात हजार खरीदारों को राहत, अतिरिक्त रकम दिए बिना मिलेंगे फ्लैट; YEIDA का प्लान
जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के फंसे करीब सात हजार से अधिक खरीदारों को यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने राहत देने की तैयारी कर ली है। इन खरीददरों को बिना अतिरिक्त रकम दिए फ्लैट मिलेंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के फंसे करीब सात हजार से अधिक खरीदारों को यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने राहत देने की तैयारी कर ली है। इन खरीददरों को बिना अतिरिक्त रकम दिए फ्लैट मिलेंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसे आगामी 28 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड को आवंटित एक हजार हेक्टेयर जमीन को रद्द करने के आदेश पर उच्च न्यायालय की मुहर लगने के बाद अब प्राधिकरण को खरीदारों के फ्लैट तैयार करने की जिम्मेदारी मिल गई है।
न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए अब यीडा अपनी कार्ययोजना बना रहा है। प्राधिकरण का दावा है कि भूखंड आवंटन निरस्त होने के बाद न्यायालय में दाखिल आदेश में खरीदारों का हित सर्वोपरि रखा गया है। इसी आधार पर न्यायालय ने वर्ष 2020 से अब तक के समय को शून्य काल घोषित किया है। यमुना प्राधिकरण को इन परियोजनाओं को पूरा करने के आदेश के बाद अब तीन महीने में कंप्लीशन प्लान तैयार करना है। इससे पहले न्यायालय के आदेश में यमुना प्राधिकरण अपनी भूमिका पर बोर्ड से सहमति लेगा।
इन परियोजनाओं के सात हजार से अधिक खरीदारों में से करीब 1800 अपनी रकम वापस ले चुके हैं। साथ ही, बिल्डर ने भी शेष खरीदारों से अधिकतम 95 प्रतिशत रकम वसूल कर ली है। ऐसे में अब प्राधिकरण फ्लैट तैयार करने के लिए खरीदारों पर किसी प्रकार का अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगा। इसके अलावा बकाया राशि की प्राप्ति के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि परियोजनाओं को पूरा करने वाले फंड में कमी नहीं हो। जेपी के सबलेसी (बिल्डर के आवंटियों) से समझौता कर उन्हें लेसी (सीधे आवंटी) बनाने के लिए भी समझौता होगा।
एसडीजेड के तहत भूमि आवंटित हुई थी
वर्ष 2009-10 में जेएएल की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को स्पोर्ट्स सिटी के विकास के लिए विशेष विकास क्षेत्र (एसडीजेड) योजना के तहत 1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई थी। परियोजना में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट शामिल है, जिसमें पिछले साल मोटोजीपी बाइक रेस आयोजित हुई थी। इसके साथ ही सात हजार से अधिक घर खरीदारों से जुड़ी 14 आवासीय परियोजनाएं भी शामिल हैं। न्यायालय ने इस मामले में यमुना प्राधिकरण के बकाया भुगतान नहीं करने के कारण जमीन आवंटन रद्द करने के निर्णय को सही मानते हुए बीते दिनों फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने परियोजना के पूरा होने, वित्तीय सुरक्षा और कानूनी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करके घर खरीदारों के हितों को प्राथमिकता दी है। यमुना प्राधिकरण को अधूरी परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने और उन्हें 12 से 30 माह के भीतर पूरा करने का आदेश दिया है।
समिति की निगरानी में निर्माण पूरा होगा
न्यायालय के आदेश पर गठित होने वाली समिति के सदस्यों की जिम्मेदारी का कार्यवृत्त भी यमुना प्राधिकरण अपने बोर्ड के पटल पर रखेगा। इसमें प्रमुख सचिव, आवास एवं औद्योगिक विकास, यूपी रेरा के अध्यक्ष, यीडा के सीईओ, घर खरीदारों के अधिकृत प्रतिनिधि शामिल होने हैं। समिति में शामिल होने वाले घर खरीदारों के अधिकृत प्रतिनिधि से निर्माण पर समय-समय पर रिपोर्ट भी ली जाएगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, 'हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्राधिकरण ने अपनी कार्ययोजना तैयार करनी शुरू कर दी है। इसका खाका 28 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। प्राधिकरण की आगामी तीन महीने में परियोजनाओं का निर्माण शुरू कराने की तैयारी है।'