
PFI का पूर्व चीफ अबू बकर निजी अस्पताल में चाहता है इलाज, दिल्ली HC ने तिहाड़ जेल से मांगी हेल्थ रिपोर्ट
संक्षेप: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष ई. अबू बकर की सेहत पर तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। अबू बकर को एनआईए ने साल 2022 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई. अबू बकर की सेहत पर तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। अबू बकर को एनआईए ने साल 2022 में गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था।
जस्टिस रवींद्र डुडेचा की बेंच ने अबू बकर की उस अर्जी पर यह आदेश दिया, जिसमें उसने निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति मांगी थी। फिलहाल उसका एम्स में इलाज चल रहा है। अदालत ने एनआईए को भी नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
अबू बकर की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया है कि एम्स में इलाज संतोषजनक नहीं है और स्टाफ का रवैया भी उसके प्रति शत्रुतापूर्ण है। अबू बकर ने यह भी कहा कि यदि उसे निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति दी जाती है तो वह खर्च खुद उठाने को तैयार है।
गौरतलब है कि इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने अबू बकर को मेडिकल आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था। पिछले साल 28 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
एनआईए का आरोप है कि पीएफआई और उसके पदाधिकारियों ने देशभर में आतंकी घटनाओं के लिए फंड जुटाने और अपने कार्यकर्ताओं को हथियारों की ट्रेनिंग देने की साजिश रची थी।
पीएफआई केस से संबद्ध छह संपत्तियों की कुर्की रद्द
कोची (एजेंसी)। एनआईए कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन ‘पीएफआई’ से कथित तौर पर संबद्ध छह संपत्तियों और एक बैंक खाते की कुर्की रद्द कर दी है। इससे पहले भी अदालत ने ऐसी दस संपत्तियों की कुर्की का आदेश रद्द किया था। 2022 में पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पदाधिकारी श्रीनिवासन की हत्या के बाद एनआईए ने पीएफआई के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।





