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ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के 28.5 KM रूट को बूस्ट देगी TOD पॉलिसी, क्या है योजना

Gurugram Metro ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो रूट काम रफ्तार पकड़ेगा और इसमें बजट भी बाधा नहीं बनेगा। राशि एकत्रित करने को जीएमआरएल की तरफ से मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ 800 मीटर तक ऊंची-ऊंची रिहायशी, व्यावसायिक इमारतों को विकसित कराया जाएगा।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, गुरुग्रामMon, 14 Oct 2024 07:33 AM
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ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के 28.5 KM रूट को बूस्ट देगी TOD पॉलिसी, क्या है योजना

Gurugram Metro : ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो रूट काम रफ्तार पकड़ेगा और इसमें बजट भी बाधा नहीं बनेगा। राशि एकत्रित करने के लिए गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) की तरफ से मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ 800 मीटर तक ऊंची-ऊंची रिहायशी, व्यावसायिक इमारतों को विकसित कराया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही रियल एस्टेट कंपनियों के साथ वार्ता की जाएगी।

ट्रांजिट ओरियंट डेवलपमेंट (टीओडी) के तहत फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) खरीदने का लाभ लेने को लेकर उनसे बातचीत की जाएगी। इसके अलावा विज्ञापन कंपनियों को मेट्रो स्टेशन और पिलर पर विज्ञापन लगाने की अनुमति के लिए आवेदन करने का आग्रह किया जाएगा। दोनों तरफ खाली जमीन को प्रॉपर्टी डेवलपमेंट के तहत निर्माण की मंजूरी देकर फंड एकत्रित किया जाएगा।

हरियाणा सरकार की टीओडी योजना के तहत मेट्रो पिलर के दोनों तरफ 800-800 मीटर तक ऊंची इमारतों को खड़ा करने के लिए एफएआर खरीदने की अनुमति दी जाती है। इस पॉलिसी को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें एक मीटर से 500 मीटर, 500 मीटर से 800 मीटर शामिल है। इसका लाभ मेट्रो रूट पर पड़ रही रिहायशी सोसाइटियां, व्यावसायिक इमारत, आईटी पार्क, शॉपिंग मॉल, स्कूल और अस्पताल उठा सकते हैं। 

जीएमआरएल के सर्वे के मुताबिक, ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो रूट के आसपास यूनिटेक साइबर पार्क, यूनिटेक कमर्शियल टावर, आईकिया, कंडोर टेक्स्पेस, हीरो मोटोकॉप, ओरियंट क्राफ्ट, यूनिटेक द रेजिडेंसी, एक्सप्लेंडे मॉल, अंसल कॉर्पोरेट प्लाजा, ईएसआई अस्पताल, अंसल ट्राइंगल मॉल, भारती एयरटैल, डीएलएफ साइबर पार्क, ट्रेड टावर हैं, जिन्हें टीओडी का लाभ दिया जा सकता है।

डिजाइन सलाहकार की नियुक्ति होगी

चुनाव आचार संहिता हटने के साथ अब इस मेट्रो परियोजना को लेकर डिजाइन सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। चुनाव आचार संहिता के दौरान जीएमआरएल ने सलाहकार नियुक्ति को लेकर टेंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन सिर्फ एक कंपनी ने आवेदन किया है। अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस टेंडर को रखा जाएगा। यदि इस टेंडर को अनुमति मिलती है तो आवंटन कर दिया जाएगा। एक कंपनी के आवेदन को लेकर यदि टेंडर को अनुमति नहीं मिलती है तो नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।

सेक्टर-22 और 47 के स्टेशन पहली प्राथमिकता

जीएमआरएल ने सेक्टर-22 और सेक्टर-47 में मेट्रो स्टेशन के लिए जमीन का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से साइबर सिटी मेट्रो स्टेशन तक सेक्टर-47 चौथा मेट्रो स्टेशन है, जबकि 23वां स्टेशन सेक्टर-22 है। सेक्टर-47 का मेट्रो स्टेशन डिस्ट्रिक्ट शॉपिंग सेंटर के पास बनाया जाएगा। ये शॉपिंग सेंटर तैयार हो रहा है। ऐसे में इस शॉपिंग सेंटर पर फुटफॉल बेहद अधिक होगा।

यह है मेट्रो परियोजना

28.5 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो परियोजना के तहत मेट्रो के 27 स्टेशन बनाने की योजना है। करीब 5452 करोड़ रुपये इस मेट्रो परियोजना पर खर्च किए जाएंगे। इसके तहत मिलेनियम सिटी सेंटर, सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर-47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेस छह, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई, सेक्टर-101, सेक्टर-नौ आदि स्टेशन बनेंगे।

क्या है टीओडी पॉलिसी

परिवहन सेवा को बेहतर करने के लिए सरकार ने टीओडी पॉलिसी बनाई है। मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ 800-800 मीटर तक इसका लाभ दिया जाता है। एक से 500 मीटर तक प्रति एकड़ 600 लोगों के रहने के लिए फ्लैट बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा 500 से 800 मीटर तक 430 लोगों के लिए फ्लैट बन सकते हैं। रियल एस्टेट कंपनियों को एक एकड़ में भूमि पर 40 प्रतिशत हिस्से में निर्माण किया जा सकता है।