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अब AAP चलेगी एक हजार वाला दांव, केजरीवाल ने आतिशी को ही क्यों बनाया सीएम

  • दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आप आधी आबादी को साधने में जुटी है। वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 30 में महिलाओं का मत-प्रतिशत औसत से अधिक रहा।

Devesh Mishra हिन्दुस्तान, गौरव त्यागी, नई दिल्लीWed, 18 Sep 2024 12:07 AM
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दिल्ली के दंगल में आम आदमी पार्टी (आप) ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाकर नया दांव चला है। कालकाजी क्षेत्र से विधायक आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। आप सूत्रों के मुताबिक, अब पार्टी महिला सम्मान निधि योजना पर काम करेगी। आतिशी को सीएम बनाकर आप ने आधी आबादी को साधने का प्रयास किया है। बीते विधानसभा चुनाव से पहले भी आम आदमी पार्टी ने डीटीसी में महिलाओं का सफर मुफ्त किया था। आप विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी को सीएम पद के लिए नियुक्त किया गया है। कई बड़े नेताओं के होते हुए उनके नाम पर सहमति जताई गई।

आधी आबादी को साधने का प्रयास

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आप आधी आबादी को साधने में जुटी है। वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 30 में महिलाओं का मत-प्रतिशत औसत से अधिक रहा। बल्लीमारान, मुस्तफाबाद, गोकलपुरी, सीलमपुर और सीमापुरी में महिलाओं ने जमकर वोट डाले। औसत के मुकाबले महिलाओं का मत-प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। महिलाएं बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी की वोटर रही हैं और बीते दो चुनावों में आप को उनका मत मिला है।

अब AAP चलेगी एक हजार वाला दांव

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अब आप महिला सम्मान निधि पर काम करेगी। वित्त मंत्री के तौर पर आतिशी ने वर्ष 2024 के बजट में महिला सम्मान निधि की घोषणा की थी। इसमें राजधानी की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था। इसके लिए अक्तूबर की समय सीमा तय की गई, लेकिन अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद योजना अटक गई।

आतिशी को केजरीवाल ने क्यों बनाया सीएम

आतिशी को सीएम पद पर चुनते हुए चुनाव बाद का गणित भी उनके पक्ष में रहा। केजरीवाल ने इस्तीफे के साथ घोषणा की थी कि अब वे नए जनादेश के साथ दोबारा सीएम बनेंगे। आप के विधानसभा चुनाव जीतने पर केजरीवाल ही नए मुख्यमंत्री होंगे। मुख्यमंत्री ऐसे नेता को बनाना था, जिसे बाद में हटाने में दिक्कत ना हो। विशेष जाति या समाज का नेतृत्व करने वाले नेताओं से परहेज किया गया। इनका विधानसभा चुनाव में तो लाभ मिल सकता था, लेकिन बाद में हटाने पर संदेश खराब जाता।

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