Noida-Greater Noida Land will become more expensive plan to increase circle rate by 70 percent from April नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अप्रैल से आसमान छूएंगे जमीन के दाम, 70% तक सर्किल रेट बढ़ाने का प्लान, Ncr Hindi News - Hindustan
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अप्रैल से आसमान छूएंगे जमीन के दाम, 70% तक सर्किल रेट बढ़ाने का प्लान

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अप्रैल से नए सर्किल रेट पर संपत्ति की रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी। अगले सप्ताह प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची पर लोगों से आपत्तियां मांगनी शुरू कर दी जाएगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 10 से 70 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ने प्रस्तावित हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नोएडा। हिन्दुस्तानSun, 16 March 2025 06:31 AM
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अप्रैल से आसमान छूएंगे जमीन के दाम, 70% तक सर्किल रेट बढ़ाने का प्लान

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अप्रैल से नए सर्किल रेट पर संपत्ति की रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी। अगले सप्ताह प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची पर लोगों से आपत्तियां मांगनी शुरू कर दी जाएगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 10 से 70 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ने प्रस्तावित हैं। सबसे ज्यादा कृषि की दरों में 70 प्रतिशत बढ़ोतरी संभव है।

निबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लोगों को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए करीब 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण कर नए सर्किल रेट लागू कर दिए जाएंगे। प्रस्तावित सूची के हिसाब से नोएडा में आवासीय संपत्ति में 10 से 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी। इनमें शहरी क्षेत्र में 10 से 15 और ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा कृषि संपत्ति के रेट में 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी। वहीं, ग्रेटर नोएडा के जेवर एरिया में कृषि भूमि के रेट 70 प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे। इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री ने जेवर के लिए मुआवजा दर बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

करीब एक सप्ताह पहले कैबिनेट से भी इसे मंजूरी मिल चुकी है। जेवर में अब 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। इसी को देखते हुए इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा कृषि भूमि के रेट बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में निबंधन विभाग के एआईजी भोला शंकर वर्मा का कहना है कि विभाग की तरफ से प्रस्तावित सूची तैयार कर ली गई है। डीएम के साथ बैठक होने के बाद लोगों से आपत्तियां मांगी जाएंगी।

साढ़े पांच साल से दरें नहीं बढ़ीं : अधिकारियों ने बताया कि जिले में वर्ष 2016 में सर्किल रेट में बड़ा बदलाव हुआ था। इसके बाद वर्ष 2019 में अक्टूबर-नंबवर में कुछ श्रेणी में सर्किल रेट में बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में जिले में करीब साढ़े पांच साल से सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई।

प्राधिकरण ने आवंटन दरें बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की

नोएडा प्राधिकरण ने पिछले साल 12 जुलाई को बैठक कर आवंटन दरें बढ़ाने पर मुहर लगाई थी। इन नई दरों को अगस्त से लागू किया गया था। बैठक में आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्ति की आवंटन दरों में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। आवासीय में श्रेणी ए प्लस के सेक्टरों की आवंटन दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। आवंटन रेट बढ़ने का असर संपत्ति के ट्रांसफर और प्राधिकरण से नई संपत्ति पर खरीदने पर पड़ता है। खास बात यह है कि वर्ष 2023 में भी प्राधिकरण ने आवंटन दरों में 6 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। अब एक बार प्राधिकरण ने आवंटन दरें बढ़ाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी विभागों से रेट मांगे गए हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में एक बार फिर आवंटन रेट बढ़ सकते हैं।

मेरठ में सात, आगरा में आठ साल से बढ़ोतरी नहीं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पिछले सात वर्षों से सर्किल रेट में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है। वहीं, आगरा में वर्ष 2017 में अंतिम बार सर्किल रेट में बदलाव किया गया था। यह बढ़ोतरी 10 से 15 प्रतिशत तक थी। हालांकि, आठ साल बाद अब फिर से आगरा में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है। दूसरी ओर, गाजियाबाद जिले मे कई साल बाद पिछले वर्ष सितंबर महीने में नए सर्किल रेट लागू की गई थी। दरों में दस से 50 फीसदी तक वृद्धि की गई थी।

जो रेट अधिक उसी पर हो रही रजिस्ट्री

संपत्ति की रजिस्ट्री में सिर्फ सर्किल रेट के कोई मायने जिले में नहीं रह गए हैं। कुछ साल पहले तक सर्किल रेट के आधार पर ही संपत्ति की रजिस्ट्री होती थी, लेकिन करीब साढ़े तीन साल से ऐसा नहीं हो रहा। अब तीनों प्राधिकरण के अपने-अपने क्षेत्र के आवंटन दर, सर्किल रेट या वह दर जिस पर संपत्ति बेची गई है, जिसका भी रेट अधिक होगा उसी पर संपत्ति की रजिस्ट्री होती है।

निबंधन विभाग के पास गांवों का जिम्मा

प्राधिकरण की ओर से सिर्फ सेक्टरों में स्थित उसकी लीज होल्ड संपत्ति के आवंटन की दर तय की जाती है, गांवों के संपत्ति का दर तय करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। गांवों में जो भी संपत्ति की खरीद-फरोख्त होती है, उसका सर्किल रेट के हिसाब से शुल्क देना होता है। निबंधन विभाग के जिम्मे यह काम होता है। कई साल से गांवों में स्थित आवासीय और व्यावासयिक संपत्ति के सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस बार 10 से 25 प्रतिशत सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है। सड़क की चौड़ाई और मुख्य मार्ग पर जिन गांवों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति होगी, उसके सर्किल रेट अधिक तय किए जाएंगे।