लोन और बीमा के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के दो आरोपी गिरफ्तार, सरगना फरार
नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता सेक्टर-58 थाना पुलिस ने बीमा और लोन दिलाने के नाम
नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता
सेक्टर-58 थाना पुलिस ने बीमा और लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के दो ठगों को बिशनपुरा गांव से गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना फरार हो गया। पुलिस ने आरोपियों से ठगी का पैसा सहित अन्य सामान बरामद किया है।
थाना पुलिस शुक्रवार सुबह क्षेत्र में गश्त रही थी। इसी बीच सूचना मिली कि दो शातिर ठग बिशनपुरा गांव में घूम रहे हैं। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान सेक्टर-66 ममूरा निवासी असलम और गढ़ी चौखंडी के अजित सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से 2 मोबाइल, 9 डेबिट कार्ड सहित 20 हजार रुपये बरामद किए हैं। आरोपी ठगी के पैसे को निकालने के लिए एटीएम बूथे पर आए थे तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।
जिस समय पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया तो गिरोह का सरगना मौके से फरार हो गया। उसकी पहचान उसकी पहचान सेक्टर-72 निवासी सचिन तोमर के रूप में हुई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि सचिन तोमर ने सेक्टर-62 में ऑफिस खोल रखा है। वह लोगों के पास कॉल करके बीमा कराने व लोन दिलाने के नाम पर विभिन्न खातों में पैसे डलवाता था।
सरगना से 15 प्रतिशत हिस्सा मिलता था
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी असलम और अजित ने दावा किया है कि उनकी ठगी करने में कोई संलिप्तता नहीं है। वह सिर्फ सरगना का पैसा निकालने के लिए एटीएम बूथ पर जाते थे। सचिन ने उन्हें विभिन्न बैंक खाताधारकों के डेबिट कार्ड व उनका पासवर्ड बता रखा था। इसके एवज में आरोपी उन दोनों को 10 से 15 प्रतिशत पैसा देता था।
ठगी के 20 लाख से ज्यादा रुपये निकाल चुके आरोपी
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। पकड़े गए दोनों आरोपी अभी तक 20 लाख से ज्यादा रुपये एटीएम बूथ से निकालकर सचिन को दे चुके हैं। हालांकि, सचिन की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का पूरी तरह से खुलासा हो सकेगा। आरोपी ने अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिये है। आरोपी अपने ऑफिस पर ताला लगाकर फरार हो गया है।
फाइनेंस कंपनी से चोरी किया ग्राहकों का डाटा
सेक्टर-58 थाना प्रभारी ने बताया कि सरगना सचिन तोमर पूर्व में फाइनेंस कंपनी में काम करता था। यहां पर वह ग्राहकों के पास कॉल करके लोन उपलब्ध कराने का काम करता था। यहां से नौकरी छोड़कर आरोपी ने ठगी का धंधा शुरू किया। यहां से ही आरोपी ने ग्राहकों का डाटा चोरी किया था। इस डाटा के आधार पर आरोपी ग्राहकों के पास कॉल करके उन्हें फंसाता था।