तीस प्रतिशत अधिक वाहनों ने गति के नियम तोड़े
ग्रेटर नोएडा, संवाददाता। यमुना एक्सप्रेसवे पर रफ्तार का नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों की...

ग्रेटर नोएडा, संवाददाता। यमुना एक्सप्रेसवे पर रफ्तार का नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों की संख्या बढ़ी है। बीते साल की तुलना में इस साल प्रत्येक माह में अधिक चालान हुए हैं। पिछले वर्ष 1205 चालान हुए थे। इस वर्ष अब तक 1560 चालान हो चुके हैं। यानी पहले के मुकाबले 30 फीसदी अधिक वाहन चालकों ने गति के नियम तोड़े हैं। चालान की जद में आए ज्यादातर वाहनों की गति 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई थी।
परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम इंटरसेप्टर से वाहनों की गति रिकार्ड करती है। यमुना एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा और भारी वाहनों की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय है। इससे अधिक गति में वाहन दौड़ते मिलने पर चालान किए जाते हैं।
सर्दी में बढ़ जाती है हादसों की आशंका : यमुना एक्सप्रेसवे पर सर्दी के दिनों में हादसों की आशंका बढ़ जाती है। कोहरा के चलते दिखाई नहीं देता है। बावजूद इसके चालक गति सीमा कम नहीं करते हैं। यमुना प्राधिकरण ने इस पर भी अंकुश लगाने का काम किया। सर्दी में वाहनों की गति सीमा कम कर दी जाती है। हर साल 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक एक्सप्रेसवे की गति सीमा में बदलाव होता है। हल्के वाहनों को 75 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने की अनुमति होती है।
लापरवाही पड़ती है भारी : सुबह के समय नींद/झपकी आने से हादसे हो जाते हैं। एक्सप्रेसवे के संचालन से लेकर अगस्त 2032 तक जितने हादसे यहां हुए हैं, उसमें से 44 प्रतिशत से अधिक हादसे वाहन चालकों को झपकी आने के हैं। करीब 18 प्रतिशत हादसे ओवर स्पीड के चलते हुए हैं। तय सीमा से अधिक चलने पर सड़क हादसे हो गए। संबंधि खबर ढ 03
