सोसाइटी के मुख्य गेट को पूरे दिन बंद रखा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज वन सोसाइटी के सफाई और सुरक्षा कर्मियों ने दो महीने का वेतन न मिलने के कारण हड़ताल की। उन्होंने सभी गेट बंद कर दिए। पुरानी मेंटेनेंस एजेंसी ग्रेविटी द्वारा वेतन...

सफाई-सुरक्षाकर्मियों ने वेतन के लिए हड़ताल की दो महीने का वेतन रोककर रखने का आरोप लगाया ग्रेटर नोएडा, संवाददाता। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सुपरटेक इको विलेज वन सोसाइटी के सफाई और सुरक्षा कर्मियों ने मंगलवार को वेतन न मिलने के कारण हड़ताल की। उन्होंने सोसाइटी के सभी गेटों को सुबह एक घंटे और मुख्य गेट को पूरे दिन बंद रखा। उनका आरोप है कि पिछली मेंटेनेंस एजेंसी ने उनका दो महीने का वेतन रोक रखा है। इको विलेज वन सोसाइटी में 10 अगस्त की देर रात लोगों ने पेयजल किल्लत से परेशान होकर रोड जाम किया था। देर रात को ही बिल्डर ने एक मेल जारी कर पुरानी मेंटेनेंस एजेंसी ग्रेविटी को हटा दिया।
नई एजेंसी वाईजी स्टेट को बहाल किया। पुरानी एजेंसी ने सुरक्षाकर्मी और सफाई कर्मियों को वेतन नहीं दिया है। सफाई और सुरक्षाकर्मी का करीब दो महीने का वेतन रुका हुआ है। इसे लेकर मंगलवार सुबह आज बजे परिसर में कर्मी एकत्रित हुए। सोसाइटी के तीनों गेट को बंद कर हड़ताल पर बैठ गए। लोगों के काफी समझाने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने दो गेटों को खोला। मुख्य गेट नंबर-1 को बंद कर हड़ताल जारी रखा। पुलिसकर्मियों के समझने और बिल्डर से आश्वासन मिलने के बाद दोपहर करीब 2 बजे हड़ताल को समाप्त किया। पुरानी एजेंसी को बिना हिसाब किए जाने दिया लोगों का आरोप है कि पुरानी एजेंसी ग्रेविटी के जाने से पहले कोई हिसाब किताब नहीं लिया गया। इसके चलते कर्मियों को वेतन का समय से भुगतान नहीं हुआ। वेतन न मिलने के कारण उन्हें घर चलाने में परेशानी आ रही है। वहीं, पुरानी एजेंसी से बात करने पर कोई जवाब नहीं मिला। बिल्डर प्रबंधन से शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। हड़ताल से लोगों को परेशानी लोगों का कहना है कि सुरक्षा और सफाई कर्मियों की हड़ताल से परेशानी उठानी पड़ी। सोसाइटी के मुख्य गेट पर हड़ताल के दौरान कोई भी गार्ड मौजूद नहीं रहा। इससे लोगों की सुरक्षा खतरे में रही। वहीं, सोसाइटी में साफ सफाई भी समय से नहीं हुई। - हर बार मेंटेनेंस एजेंसी बदलने पर करोड़ों रुपये का घपला होता है, इसका हिसाब किताब लोगों को नहीं दिया जाता। संजय शर्मा, निवासी - नई मेंटेनेंस एजेंसी को बिना लोगों के साथ बैठक किए रखा गया है। सोसाइटी के किसी भी कार्य में बिल्डर प्रबंधन और आईआरपी द्वारा पारदर्शिता नहीं रखी जाती है। शशि भूषण, निवासी -मेंटेनेंस एजेंसी को आए हुए दस दिन हुए हैं। पुरानी एजेंसी से हिसाब किताब को लेकर बात की जा रही है। जल्द ही इस महीने की कर्मियों को वेतन दे दिया जाएगा, ताकि उन्हें कार्यों में परेशानी न हो। वहीं, पिछला वेतन के लिए बात की जा रही है। नीतीश अरोड़ा, डायरेक्टर, वाईजी स्टेट
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