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हवा की सुस्त रफ्तार से जमा स्माग, राहत के आसार नहीं

शुक्रवार को देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा ग्रेटर नोएडा, नोएडा पांचवें स्थान...

हवा की सुस्त रफ्तार से जमा स्माग, राहत के आसार नहीं
हिन्दुस्तान टीम,नोएडाFri, 19 Nov 2021 07:00 PM
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शुक्रवार को देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा ग्रेटर नोएडा, नोएडा पांचवें स्थान पर

दीवाली के बाद से हवा की गति दो से पांच किमी प्रति घंटा रहने से नहीं घट रहा स्मॉग

नोएडा। कार्यालय संवाददाता

दिवाली के बाद से हवा की गति दो से पांच किमी प्रति घंटा रहने के चलते आसमान में छाया स्मॉग (धुएं और कोहरे का मिश्रण) कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस कारण वातावरण में प्रदूषित तत्व पीएम-2.5 व पीएम-10 का स्तर मानक से दस गुना अधिक है, जोकि मानव शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा 382 एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि नोएडा 376 एक्यूआई के साथ पांचवें स्थान पर रहा। स्मॉग से सुबह के समय दृश्यता भी कम रही।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, गुरुवार रात 12 बजे से लेकर शुक्रवार शाम पांच बजे तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हवा लगातार बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। हवा सुस्त होने के चलते रात के समय यातायात व उद्योग बंद होने के बाद भी एक्यूआई में सुधार नहीं हुआ। पीएम-2.5 व पीएम-10 का अधिकतम स्तर 500 माइक्रोग्राम/मीटर क्यूब रहा, जबकि मानक के अनुसार हवा में पीएम-2.5 का स्तर 40 और पीएम-10 का स्तर 60 माइक्रोग्राम/मीटर क्यूब होना चाहिए। हवा की रफ्तार मंद होने के कारण बीते 15 दिनों से जिला स्मॉग की चादर से ढका हुआ है। अगले एक सप्ताह तक लोगों को इससे राहत मिलने के आसार भी नहीं है। हालांकि, मौसम में बदलाव के कारण अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री और न्यूनतम तापमान में सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। प्रदूषण स्तर बढ़ने से लगातार ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि सांस और अस्थमा के गंभीर मरीजों को इनलेहर की बजाय नेबुलाइजर की जरूरत पड़ रही है तो सामान्य मरीजों को भी इनहेलर की डोज बढ़ाकर देनी पड़ रही है। आंखों के मरीज भी इन दिनों तेजी से बढ़ रहे हैं। चिकित्सक लोगों को बाहर निकलते समय एन-95 मास्क लगाने और ठंडी चीजों का परहेज करने की सलाह दे रहे हैं।

ग्रैप के तहत 40 लाख जुर्माना लगाया

जिले में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रैप लागू है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 15 अक्टूबर से अब तक 62 उल्लंघनकर्ताओं पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है, लेकिन सख्ती के बावजूद जिले के लोगों को जहरीली हवा से राहत नहीं मिल रही है।

यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीन कुमार के मुताबिक, जिला प्रशासन व प्राधिकरण की संयुक्त टीम प्रदूषण कम करने के लिए सड़कों की धुलाई समेत विभिन्न कार्य कर रही है। इस समय लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है कि वे कोयले, लकड़ी, पराली व कूड़ा न जलाएं। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ प्रशासन का रवैया सख्त है।

हवा में प्रदूषित तत्वों की स्थिति

प्रदूषित तत्व औसत मध्यम अधिकतम

पीएम-2.5 382 269 500

पीएम-10 418 252 500

एनओ-2 (नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड) 48 30 69

सीओ (कार्बन मोनो ऑक्साइड) 132 121 155

एसओ-2 (सल्फर डाई ऑक्साइड) 03 01 05

एक सप्ताह तक बारिश के आसार नहीं है। वहीं हवा की गति भी बेहद सुस्त है। 30 से 35 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने से ही स्मॉग से राहत मिलने की उम्मीद है।

- महेश पलावत, मौसम विशेषज्ञ, स्काईमेट वेदर

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