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करोड़ों की ठगी में बिल्डर गिरफ्तार

फ्लैट देने के नाम पर 50 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले बिल्डर जीबीजी ग्रुप के मालिक संजय कसाना को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बिल्डर के खिलाफ थाना फेज तीन में धोखाधड़ी...

करोड़ों की ठगी में बिल्डर गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,नोएडाThu, 28 Sep 2017 08:25 PM
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फ्लैट देने के नाम पर 50 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले बिल्डर जीबीजी ग्रुप के मालिक संजय कसाना को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बिल्डर के खिलाफ थाना फेज तीन में धोखाधड़ी के पांच मामले दर्ज हैं। इस आरोपी बिल्डर के खिलाफ अन्य जनपदों में भी मुकदमें दर्ज हैं। गौड़ सिटी, ग्रेटर नोएडा निवासी संजय कसाना जीबीजी इन्फ्राटेक के नाम से सेक्टर- 70 में ऑफिस चलाता था। वह मूलरूप से हरिद्वार के झबरैडा गांव का रहने वाला है। एसपी क्राइम प्रीति बाला गुप्ता ने बताया कि दो साल से फरार चल रहे बिल्डर संजय कसाना को सेक्टर-63 से गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ फ्लैट दिलाने के नाम पर दर्जनों लोगों से ठगी के आरोप हैं और कई मुकदमें दर्ज हैं। ऐसे करता था ठगी वर्ष 2015 से संजय कसाना ने फर्जी प्रोजेक्ट दिखाकर लोगों से ठगी शुरू की। वह सर्फाबाद, सोरखा व गढ़ी चैखंडी के आसपास अपने प्रोजेक्ट को दिखाता था और बुकलेट के माध्यम से फ्लैट बुक कराने के लिए लोगों से संपर्क करता था। लोगों को सेक्टर-70 स्थित ऑफिस बुलाकर अच्छे से खातिरदारी कर लोगों को लुभाता था। अब तक इसने पचास से अधिक लोगों के साथ करोड़ों की ठगी की है। जानकारी के अनुसार ठगी की रकम पांच करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। आरोपी के खिलाफ बुलंदशहर सहित कुछ अन्य जगहों पर भी एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिली है। उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। अब कंगाल, पत्नी भी छोड़ गई क्राइम ब्रांच की टीम ने बिल्डर संजय कसाना से पूछताछ की तो पता चला कि वह अब कंगाल हो गया है। हाईप्रोफाइल रहने वाले संजय के पास अब एक भी कार नहीं है। वहीं जब पैसे खत्म हो गए तो उसकी पत्नी भी छोड़कर चली गई। पुलिस आशंका जता रही है कि पत्नी को बचाने के लिए भी कसाना झूठ बोल सकता है। पुलिस को संजय कसाना का बैंक खाता खाली मिला है। पुलिस उसके अन्य बैंक खातों और पत्नी के खातों की भी जानकारी जुटा रही है। नई प्रोजेक्ट लाने की थी योजना पुलिस का कहना है कि संजय कसाना नए प्रोजेक्ट लाने की योजना बना रहा था। उसने सेक्टर-66, 121 व गढ़ी चौखंडी में प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा की थी लेकिन उसने किसी भी प्रोजेक्ट में पूरा पता या खसरा नंबर नहीं दिया। वह अपने ब्राउशर में सेक्टरों की जमीन पर रिहायशी प्रोजेक्ट लाने का झांसा देता था, जबकि वह गांव में आबादी की जमीन खरीदने के लिए लगा हुआ था। कई चेक बाउंस हुए मिली जानकारी के मुताबिक संजय का पूर्व की सरकार में कई लोगों से अच्छे संपर्क थे। एक पुलिस अधिकारी के संरक्षण के कारण वह बचा हुआ था। वह दो सालों से फरार चल रहा था लेकिन संरक्षण व रसूख के कारण नोएडा में ही रह रहा था। वह बचने के लिए कई बार पीड़ितों के संपर्क में रहता था। उसने कई लोगों को चेक भी दिए लेकिन वह बाउंस हो गए। कोई प्लान नहीं आया काम जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि वह भगा हुआ नहीं है। वह निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए तैयार है। इसके लिए वह प्लानिंग भी कर रहा है। उसने पुलिस को एक बुकलेट भी दिखाया, जिसमें वह निवेशकों के पैसे लौटाने की प्लानिंग की थी। इसके बाद भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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