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ऑक्सीजन की इमरजेंसी, मरीजों की हालत खराब

नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता : गौतमबुद्ध नगर में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है।...

ऑक्सीजन की इमरजेंसी, मरीजों की हालत खराब
हिन्दुस्तान टीम,नोएडाThu, 22 Apr 2021 10:30 PM
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नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता :

गौतमबुद्ध नगर में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन दिन से प्राण वायु ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी बनी हुई है। इससे आईसीयू में होने के बाद भी गंभीर मरीज हांफ रहे हैं। गुरुवार को कई निजी अस्पतालों ने मरीजों के परिजनों से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कही। सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल में बुधवार रात को फिर ऑक्सीजन सिस्टम फेल हो गया, जैसे-तैसे मरीजों को डॉक्टरों ने संभाला।

मरीज मरते नहीं देख सकते

नोएडा के कैलाश अस्पताल, प्रकाश अस्पताल सहित कई निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन न होने की मजबूरी बताई। इससे मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया। इसके लिए डॉक्टरों ने सीधा कहा कि हम मरीजों को मरते नहीं देखना चाहते लिहाजा जल्द से जल्द हमें ऑक्सीजन दी जाए। जिससे मरीजों का सही तरीके से इलाज चल सके।

समय से नहीं मिल रहे सिलेंडर

जिले को प्रतिदिन 55 टन से अधिक ऑक्सीजन की जरुरत है, लेकिन यहां के 30 टन से भी कम ऑक्सीजन मिल रही है। जिससे मरीजों के इलाज में परेशानी बनी हुई है। ऑक्सीजन निर्माता कंपनियों के पास से सिलेंडर समय से नहीं मिल रहे है, जिससे ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे गए मरीजों की हालत खराब हो रही है। कैलाश और प्रकाश अस्पताल में करीब 600 कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है।

सात घंटे की व्यवस्था

कैलाश समूह की चिकित्सा निदेशक डॉक्टर रितु वोहरा ने कहा कि करीब 450 मरीजों का उपचार चल रहा है। हमारे पास केवल सात-आठ घंटे के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध है। हमारे पास ऑक्सीजन की जल्द आपूर्ति होनी चाहिए। ऑक्सीजन की कमी के कारण हमने नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है।

हरियाणा से आपूर्ति बंद

वहीं प्रकाश अस्पताल में भी मरीजों के परिजन ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं जबकि अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें हरियाणा के अपने आपूर्तिकर्ताओं से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रकाश अस्पताल में 150 कोविड मरीज भर्ती हैं। प्रकाश अस्पताल का दौरा करने वाले मुख्य विकास अधिकारी अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें हरियाणा से ऑक्सीजन की आपूर्ति में दिक्कत के बारे में अवगत कराया गया है और जिला प्रशासन इसका समाधान करने का प्रयास कर रहा है।

एक घंटे एंबुलेंस में तड़पती रहीं महिला, मौत

सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल के बाहर करीब एक घंटे तक कोरोना संक्रमित महिला एंबुलेंस में तड़पती रही, लेकिन उसे इलाज नहीं मिला। अस्पताल में बेड की कमी को भर्ती न करने का कारण बताया जा रहा है। परिजनों के शोर मचाने पर चिकित्सक बाहर निकले, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।

सेक्टर-71 निवासी अजय वर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी लक्ष्मी वर्मा को कुछ दिनों पहले बुखार व सांस लेने में तकलीफ हुई थी। मंगलवार को वह एंटीजन जांच में कोरोना संक्रमित मिली। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें कई अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन किसी ने भी भर्ती नहीं किया। दोपहर को सुमित्रा अस्पताल में बिस्तर मिला। यहां वह इमरजेंसी वार्ड में भर्ती की गई, लेकिन देर शाम उनकी तबीयत और बिगड़ गई तथा प्रबंधन ने उन्हें सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल रेफर कर दिया। एंबुलेंस में आक्सीजन सपोर्ट पर वह उन्हें लेकर सेक्टर-39 पहुंचे, यहां करीब एक घंटे तक वह एंबुलेंस में ही तड़पती रही, लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया। सांस रुक-रुक कर आने पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। शोर होता देख चिकित्सक बाहर आए और महिला को मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि यदि महिला को समय पर बिस्तर मिल जाता तो आज उनकी जिंदगी बच सकती थी। वहीं बरौला के मनीष पांडेय ने भी ऑक्सीजन न मिलने के कारण गोपाल की मौत का आरोप लगाया है।

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