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ग्रेनो में विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट हब की डीपीआर को मंजूरी

फ्लैग : गेटर नोएडा की बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले हुए, दिसंबर तक गंगाजल

ग्रेनो में विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट हब की डीपीआर को मंजूरी
हिन्दुस्तान टीम,नोएडाSat, 25 Sep 2021 10:20 PM
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ग्रेटर नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता :

विश्वस्तरीय मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और लॉजिस्टिक हब की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ग्रेनो प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में शनिवार को मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण ने परियोजना रिपोर्ट शासन को भेज दी है। शहर में बिजली की खपत लगातार बढ़ी है। इसे देखते हुए छह नए बिजली घर बनाने को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में आठ नए औद्योगिक सेक्टर विकसित करने और दिसंबर तक गंगाजल देने आदि पर भी निर्णय हुआ।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भारत सरकार के सहयोग से बोड़ाकी के आसपास सात गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब विकसित करेगी। ट्रांसपोर्ट हब के तहत तीन परियोजनाएं, बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल, अंतर्राज्यीय व लोकल बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा दी जाएगी। बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल परियोजना को रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। अगले पांच साल में इसके बन जाने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें यहीं से चलेंगी। ग्रेनो और आसपास रहने वाले लोगों को दिल्ली, नई दिल्ली, गाजियाबाद व आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

दूसरी परियोजना, अंतर्राज्यीय व लोकल बस अड्डा है। इसके बनने से उद्योगों में काम करने वालों के लिए दूरदराज के साथ ही लोकल बसें भी मिल सकेंगी। तीसरी परियोजना, नोएडा-ग्रेनो को जोड़ते हुए डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो स्टेशन है। मौजूदा डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक करीब तीन किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन भी बनेगी। वहीं, लॉजिस्टिक हब से माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी। मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर जाने में चार से पांच दिन लगता है, इसके शुरू होने के बाद माल डेढ़ दिन में पहुंच सकेगा।

बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ दीपचंद्र व एसीईओ अमनदीप डुली आदि शामिल हुए।

20 हजार करोड़ रुपये का बजट

इन परियोजनाओं से करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। साथ ही ग्रेटर नोएडा का दूसरा सबसे अधिक बजट खर्च होगा। दोनों परियोजनाओं के तहत करीब 20 हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। जो जेवर एयरपोर्ट के बाद दूसरा सबसे अधिक है। जेवर एयरपोर्ट का बजट 29, 500 करोड़ है।

यहां पर बिजली घर को मंजूरी

ग्रेटर नोएडा तेजी से औद्योगिक नगरी के रूप में विस्तार हो रहा है। साथ ही आवासीय व संस्थागत सेक्टर भी विकसित हो रहे हैं। भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए छह नए बिजलीघर बनाने के लिए बोर्ड ने मंजूरी दी है। सभी बिजलीघर गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित होंगे। ये बिजली घर 132 केवी से लेकर 400 केवी तक के होंगे। जलपुरा, नॉलेज पार्क-5, ईकोटेक-8, ईकोटेक-10/11, मेट्रो डिपो, और अमरपुर में बिजली घर बनेंगे।

ये सेक्टर विकसित होंगे

प्राधिकरण आठ नए औद्योगिक सेक्टरों को विकसित करेगा। ये सेक्टर ईकोटेक 7, 8, 9, 12ए, 16, 19, 19ए और 21 होंगे। इन सेक्टरों के लिए करीब 899 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। पौव्वारी, इमिलियाका, अटाई मुरादपुर, लुक्सर, दादूपुर, लड़पुरा, खानपुर, सिरसा, वैदपुरा, जौन समाना, सुनपुरा, भोला रावल, धूम मानिकपुर, खेड़ी, भनौता, खोदना कला, कैलाशपुर, खोना खुर्द व आमका की जमीन पर सेक्टर विकसित होंगे। करीब 450 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण ने कब्जे में ले लिया है। बची हुई जमीन के लिए प्राधिकरण कार्यालय में किसान सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है।

ग्रेनो वेस्ट के लोगों को मिलेगा गंगाजल

ग्रेनो वेस्ट के लोगों को साल के अंत तक गंगाजल मिल जाएगा। प्राधिकरण बोर्ड बैठक ने शनिवार को 85 क्यूसेक गंगाजल प्रोजेक्ट की समीक्षा की और आगामी तीन माह में परियोजना पूरा कर इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए गए। इसकी लागत करीब 800 करोड़ रुपये है। अपर गंगा कैनाल से गंगाजल आएगा। देहरा में यह पानी शोधित होगा। वहां पर 210 एमएलडी का जल शोधन यंत्र लगाया गया है। अगले तीन माह में गंगाजल ग्रेटर नोएडा पहुंचने का अनुमान है। इससे ग्रेटर नोएडा ईस्ट व ग्रेनो वेस्ट के लाखों निवासी लाभान्वित होंगे।

ये निर्णय भी हुए

1. तीन फुटओवर ब्रिज बनेंगे

निवासियों की सुविधा को देखते हुए तीन फुटओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है। ये तीनों फुटओवर ब्रिज बीओटी (बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के आधार पर बनेंगे। ये एफओबी कैलाश अस्पताल के सामने, गामा शॉपिंग मॉल के सामने, कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने बनाए जाएंगे। इसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ ही लिफ्ट की सुविधा भी मिलेगी।

2. परियोजनाओं को पूरा करने समय बढ़ाया

फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के लिए बिल्डरों की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। अधूरे प्रोजेक्टों का निर्माण कार्य पूरा करने की समयसीमा जून 2021 तय की थी। वहीं बिल्डर ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक व आईटी प्रोजेक्ट के देय धनराशि की वसूली के लिए एस्क्रो खाता खोलने के नियम में बदलाव किया गया है। अब तक प्राधिकरण व आवंटी के मध्य एस्क्रो खाता खोला जाता है। अब इसमें बैंकों को भी शामिल किया गया है।

3. सूरजपुर वेटलैंड विकसित होगा

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूरजपुर वेटलैंड के आरक्षित वन्य क्षेत्र को विकसित करने का निर्णय भी बोर्ड ने लिया है। इसके अंतर्गत दो प्रवेश द्वार व आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस परियोजना पर लगभग 1.70 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

4. सूखे कूड़े के निस्तारण के लिए 2 हजार वर्ग जमीन हस्तांतरित होगी

ग्रेटर नोएडा की स्वच्छता मुहिम के तहत सेक्टर ईकोटेक 12 में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर (एमआरएफ) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) को चार साल के लिए 2000 वर्ग मीटर जमीन हस्तांरित की जाएगी। इस एमआरएफ सेंटर से ग्रेटर नोएडा शहर से निकलने वाले सूखे कूड़ा का निस्तारण हो सकेगा।

5. ग्रेटर नोएडा को डाटा सेंटर कैपिटल बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नियमावली 2021 को प्राधिकरण बोर्ड द्वारा अंगीकृत (एडॉप्ट) करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। जिससे ग्रेनो में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न डाटा सेंटर शीघ्र ही स्थापित हो सकेंगे।

6. बीपीओ/ कॉल सेंटर के आवंटियों की सुविधा के लिए लीज डीड कराने की समयसीमा 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है।

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