जिला अस्पताल में नेत्र रोग की अब सिर्फ तीन दिन ओपीडी
-एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के जाने के बाद एक डॉक्टर हैं विभाग में
सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में नए मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। इनके ऑपरेशन अप्रैल में होंगे। डॉक्टर की कमी के कारण नए मरीजों को ऑपरेशन के लिए प्रतीक्षारत रखा गया है। मार्च तक पहले के मरीजों के ऑपरेशन होंगे। वहीं नेत्र रोग की ओपीडी अब हफ्ते में सिर्फ तीन दिन हो रही है। बाकी तीन दिन में पुराने रोगियों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल के एक नेत्र रोग विशेषज्ञ ने अपनी सेवाएं समाप्त कर दी हैं, जिसके बाद सिर्फ एक डॉक्टर विभाग में हैं। इसलिए एक दिन ओपीडी और उसके अगले दिन ऑपरेशन की व्यवस्था शुरू की गई है। नेत्र रोग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक रोजाना नेत्र के औसतन 15 से 20 ऑपरेशन होते थे। पहले दो नेत्र रोग विशेषज्ञ थे।
एक डॉक्टर एक दिन ओपीडी, जबकि दूसरे डॉक्टर उसी दिन ऑपरेशन करते थे। ऐसे में हफ्ते में छह दिन ओपीडी और ऑपरेशन की रोगियों को सुविधा मिलती थी। एक डॉक्टर द्वारा सेवा समाप्त कर देने से अब तीन दिन ओपीडी और तीन दिन ऑपरेशन की सेवा रोगियों को मिल रही हैं। डॉक्टर की कमी के कारण नए मरीजों को ऑपरेशन के लिए प्रतीक्षारत रखा गया है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजेय अग्रवाल ने बताया कि सिर्फ एक डॉक्टर होने के कारण ऑपरेशन और ओपीडी के दिन कम कर दिए गए हैं। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ की जल्द व्यवस्था की जाएगी।
डॉक्टर ने खुद बदल दिया था ओपीडी पंजीकरण का समय
मरीजों की भीड़ के कारण नेत्र रोग विशेषज्ञ ने नेत्र रोग ओपीडी पंजीकरण का समय अपनी मर्जी से बदल दिया था। पंजीकरण काउंटर पर निर्देश दिया था कि पर्चे सुबह 11.30 बजे तक बनाए। ओपीडी का समय दोपहर दो बजे तक है, लेकिन मरीजों की भीड़ के कारण सभी रोगियों को देखना संभव नहीं होता। कुछ मरीजों की शिकायत पर कार्यवाहक सीएमएस ने पंजीकरण काउंटर को निर्देश दिया था कि पर्चे दोपहर 1.30 तक बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि पंजीकरण का समय शासनादेश के अनुसार तय है और इसमें डॉक्टर अपनी मर्जी से बदलाव नहीं कर सकते हैं।
कई डॉक्टर समाप्त कर चुके हैं सेवा
जिला अस्पताल में डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं देना चाहते हैं। अस्पताल से कई डॉक्टर अपनी सेवाएं समाप्त कर चुके हैं। इनमें फिजीशियन डॉ.एससी सिंघल और त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक दुबे ने हाल ही में इस्तीफा दिया है। वहीं एक सर्जन, फिजीशियन समेत कई अन्य डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ओपीडी के अलावा ऑपरेशन, पोस्टमार्टम ड्यूटी और वीआईपी ड्यूटी से वे परेशान हैं। डॉक्टरों के इस्तीफे के कारण रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की कमी से इलाज की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
एक डॉक्टर होने के कारण ऑपरेशन और ओपीडी के दिन कम कर दिए गए हैं। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ की जल्द व्यवस्था की जाएगी।
डॉ.अजेय अग्रवाल, अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा