नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता
जिले के 71 अस्पतालों में गुरुवार को 7025 लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया। इनमें से 31 सरकारी एवं 40 निजी अस्पताल रहे। सरकारी अस्पतालों में 3818 लोगों को एवं निजी अस्पतालों में 3207 लोगों को टीका लगा। 60 या उससे अधिक आयु के 1517 लोगों को टीके की पहली डोज दी गई। वहीं, 402 को दूसरी डोज मिली। 45 से 59 आयु वर्ग के 4943 लोगों को टीके की पहली डोज एवं 74 को दूसरी डोज लगाई गई। साथ ही, एक स्वास्थ्य कर्मी को टीके की पहली डोज एवं 19 को दूसरी डोज मिली। जबकि 24 फ्रंटलाइन वर्कर को टीके की पहली डोज एवं 45 को दूसरी डोज दी गई।
ईएसआई में नहीं हुआ टीकाकरण
सेक्टर-24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल के पारामेडिकल कर्मचारियों के दूसरे टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल होने के कारण ¦गुरुवार को कोरोना टीकाकरण नहीं हुआ। इससे संबंधित नोटिस अस्पताल परिसर में चस्पा कर दिया गया था। जिसे देखकर लोग वापस लौट गए। वहीं, अन्य निजी अस्पतालों में भी पोर्टल की तकनीकी खामियों के कारण परेशानी आई, लेकिन टीकाकरण हुआ।
सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि ईएसआई के स्वास्थ्यकर्मी अन्य स्वास्थ्य योजनाएं जैसे इंद्रधनुष टीकाकरण कार्यक्रम, सुपोषण दिवस आदि काम कर रहे थे। लिहाजा वहां टीकाकरण नहीं हुआ। श़ुक्रवार से दोबारा टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इसके बारे में जानकारी दे दी गई थी। स्वास्थ्य विभाग के पास अभी भी करीब 21000 खुराक है। टीके की कमी नहीं है। कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच और भी बढ़ा दी गई है। अब प्रतिदिन करीब 5000 जांचें होंगी।
टीके की मांग लगातार बढ़ी
जिले में 7 अप्रैल तक 190954 लोगों का टीकाकरण हुआ है। इनमें से 12700 लोगों को कोवैक्सीन एवं 178254 लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है। कोवैक्सीन सिर्फ चार अस्पतालों में दी जा रही है। जिले में 7 अप्रैल तक 198720 कोविशील्ड एवं 26200 कोवैक्सीन आई हैं। जिनमें से 7 अप्रैल तक 10950 कोविशील्ड एवं 11380 कोवैक्सीन बची थी। वहीं 8 अप्रैल को 7025 लोगों का टीकाकरण हुआ जिसमें इन दोनों वैक्सीनों का प्रयोग हुआ है।
टीके लेने के बाद संक्रमित
सेक्टर 39 स्थित स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक महिला कोरोनारोधी टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी संक्रमित हो गई। महिलाकर्मी प्रबंधन से जुड़े कार्य देखती है। उनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य बेहतर है। इससे पहले वैक्सीन की एक खुराक ले चुके पांच स्वास्थ्य कर्मी निजी अस्पतालों में संक्रमित पाए गए थे। सीएमओ डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीन असरदार है। लेकिन कभी कभी कुछ मामलों में अपवाद सामने आते हैं। हालांकि, जो लोग वैक्सीन ले चुके हैं, उनमें कोरोना खतरनाक स्थिति में नहीं होता है। आम मरीजों के मुकाबले उनके ठीक होने की संभावना अधिक रहती है। मृत्यु की संभावना न के बराबर है। पॉजिटिव पाई गई महिला स्टाफ का इलाज चल रहा है। उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
12 हज़ार खुराक बर्बाद
नोएडा।
कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत अबतक 12 हज़ार खुराक बर्बाद हो गई है। ये ऐसी खुराक हैं जो वायल खुलने के बाद नहीं दी जा सकी। क्योंकि वायल खुलने के 4 घंटे के बाद वैक्सीन का उपयोग नहीं किया जा सकता। कोविशिल्ड में 10 और कोवैक्सीन में 20 खुराक एक वायल में होती हैं। इसके खुलने के बाद टीका लेनेवाले अगर नहीं आते तो वैक्सीन बर्बाद हो जाती हैं।