NCR में आएगी नई हाउसिंग स्कीम, गाजियाबाद के वसुंधरा में मिलेगा घर बनाने का मौका
दिल्ली से सटे गाजियाबाद के वसुंधरा के अलग-अलग सेक्टरों में आवास एवं विकास परिषद फिर से एक योजना ला रही है। दरअसल, 20 साल से बिना बिके बड़े भूखंडों को आवासीय भूखंडों में बदलने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के वसुंधरा के अलग-अलग सेक्टरों में आवास एवं विकास परिषद फिर से एक योजना ला रही है। दरअसल, 20 साल से बिना बिके बड़े भूखंडों को आवासीय भूखंडों में बदलने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। अलग-अलग सेक्टरों में चार हेक्टेयर से अधिक जमीन है, जिस पर करीब 100 आवासीय भूखंड विकसित किए जाएंगे। वसुंधरा में सेक्टर- 2, 3, 5 और 10 में परिषद ने ग्रुप हॉउसिंग और कॉमर्शियल भूखंड विकसित किए थे, जो करीब 20 साल बाद भी नहीं बिके हैं। इन भूखंडों पर भूमाफिया प्रवृत्ति के लोग झुग्गियां बसा रहे हैं। बीते एक माह में परिषद ने करीब चार हेक्टेयर जमीन के इन भूखंडों से झुग्गियों को हटाया है। झुग्गियां दोबारा न बसें, इसके लिए इनकी चारदीवारी कराने का भी निर्णय हुआ है। इसके लिए 50 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, चारदीवारी कराने के साथ ही इन भूखंडों का लैंड यूज बदलकर आवासीय भूखंड विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है। चारदीवारी कराने के कार्य को मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वसुंधरा में सेक्टर 7 और 8 को छोड़ दें तो परिषद के पास आवासीय भूखंड नहीं बचे हैं। ऐसे में यहां आवास का सपना देखने वाले लोगों के पास रीसेल का ही विकल्प होता है, जो काफी महंगा है। मगर इस योजना से ऐसे लोगों को एक और मौका मिलेगा।
बिना बिके भूखंडों का क्षेत्रफल चार हेक्टेयर से अधिक है। इन्हें आवासीय भूखंडों में बदलने के लिए डिजाइन तैयार किया जा रहा है। इस क्षेत्रफल में 100 से अधिक भूखंड विकसित होंगे, जिन्हें बाद में नीलामी के जरिये बेचा जाएगा।
गंदगी से भी निजात मिलेगी
परिषद के फैसले से वसुंधरा आवासीय योजना की खूबसूरती भी बढ़ेगी। अभी इन भूखंडों पर कहीं झुग्गियां, कहीं कूड़ा व मलबा पड़ा है। इस कारण यहां गंदगी बनी रहती है। इससे आसपास के लोग भी परेशान रहते हैं और आए दिन सोशल मीडिया से लेकर परिषद के कार्यालय तक शिकायत करते हैं। खाली जमीन पर आवासीय भूखंड विकसित होंगे तो इलाके की खूबसूरती बढ़ेगी।
परिषद को मिलेगा राजस्व
योजना से लोगों को जहां वसुंधरा में अपनी जमीन और मकान का मौका मिलेगा, वहीं परिषद को भी राजस्व मिलेगा। खाली जमीन की कीमत फिलहाल 600 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आवासीय भूखंड विकसित होने के बाद कीमत और बढ़ सकती है।
अजय कुमार मित्तल, अधीक्षण अभियंता, आवास एवं विकास परिषद ने कहा, ''खाली भूखंड पर अवैध कब्जा होता है, जिसे हटाने में संसाधन खर्च करने पड़ते हैं। इसीलिए इन्हें आवासीय भूखंड के रूप में विकसित कर नीलाम करने की योजना तैयार कर रहे हैं। इसके तहत चारदीवारी के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है।''