खेल : अब महिला मुक्केबाजों का भी होगा लिंग परीक्षण
शोल्डर : वर्ल्ड बॉक्सिंग का ऐलान, अगले महीने लिवरपूल में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से

लॉस एंजिलिस, एजेंसी। आपको एक साल पहले पेरिस ओलंपिक का वो मंजर तो याद होगा। जब इटली की एक महिला मुक्केबाज ने अल्जीरिया की इमान खलीफ के खिलाफ मात्र 46 सेकंड में मुकाबला छोड़ दिया था। एंजेला कैरिनी नाम की यह मुक्केबाज रिंग में रोने लगी थीं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें पुरुष मुक्केबाज से भिड़ा दिया है। खलीफ के हाथों की ताकत जितना पंच उन्हें पूरे करियर में नहीं पड़ा था। बावजूद इसके खलीफ 66 किलो भार वर्ग में खेली और चैंपियन भी बनीं। पर अब ऐसा नहीं होगा। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप जैसे मुकाबलों के लिए रिंग में उतरने से पहले महिला मुक्केबाजों को अपना लिंग परीक्षण करवाना होगा।
टेस्ट में फेल होने पर वह चुनौती पेश नहीं कर पाएंगी। वर्ल्ड बॉक्सिंग (विश्व मुक्केबाजी) ने महिला मुक्केबाजों के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। इसकी शुरुआत अगले महीने वाली वाली मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप से होगी। ओलंपिक शैली की मुक्केबाजी की नियामक संस्था वर्ल्ड बॉक्सिंग ने बुधवार को अपनी योजना की घोषणा कर दी है। इसके तहत प्रतियोगियों को जन्म के समय के लिंग का निर्धारण करने के लिए पॉलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट (पीसीआर) या उसी तरह के आनुवंशिक स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा। यह नियम 4 से 14 सितंबर तक इंग्लैंड के लिवरपूल में होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप से लागू किए जाएंगे। इन परीक्षण से जैविक लिंग के सूचक के रूप में वाई गुणसूत्र की उपस्थिति या अनुपस्थिति की पहचान की जाती है। पेरिस ओलंपिक की चैंपियन खलीफ ने जून में नीदरलैंड्स में एक टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार कर दिया था। यह फैसला उस समय लिया गया जब शासी निकाय ने लिंग परीक्षण शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। बाद में वोर्स्ट ने विश्व मुक्केबाजी की भविष्य की परीक्षण योजनाओं का जिक्र करते हुए खलीफ का नाम लेने के लिए माफी मांगी। खलीफ ने पहले टूर्नामेंट में भाग लेने की योजना बनाई थी। खलीफ और ताइवान की स्वर्ण पदक विजेता लिन यू-टिंग ने पेरिस ओलंपिक में उनके लिंग को लेकर गलत धारणा के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया था। 26 वर्षीय खलीफ ने बार-बार कहा है कि वह एक महिला के रूप में पैदा हुई हैं और उन्होंने लगभग एक दशक तक महिला एमेच्योर मुक्केबाजी के सभी स्तरों पर प्रतिस्पर्धा की है। बाक्स क्या है पीसीआर टेस्ट -इससे जैविक लिंग के सूचक के रूप में बाई गुणसूत्र की मौजूदगी या गैरमौजूदगी की जांच की जाती है -इससे पता चलता है कि किसी के शरीर में बाई क्रोमोजोम है या नहीं। यह टेस्ट गाल से स्वैब या खून के सैंपल से किया जाता है - अगर टेस्ट में बाई क्रोमोजोम नहीं पाया जाता है तो मुक्केबाज महिला वर्ग में रिंग में उतर सकती हैं -परीक्षण कराने और परिणाम प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासंघों की होगी ----------------------- एथलेटिक्स में लागू हो चुका है नियम एथलेटिक्स में 21 दिन जेंडर टेस्ट की घोषणा की गई थी। 30 जुलाई को वर्ल्ड एथलेटिक्स काउंसिल ने कहा था, जो खिलाड़ी इस टेस्ट से नहीं गुजरेगी, वह वर्ल्ड रैंकिंग प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकेगी। एथलेटिक्स में भी यह नियम अगले महीने एक सितंबर से लागू होगा। 13 सितंबर से टोक्यो में होने जा रही विश्व चैंपियनशिप में महिला एथलीट इस टेस्ट को पास किए बिना भाग नहीं ले सकेंगी। ---------------- ::: कोटस ::: विश्व मुक्केबाजी सभी खिलाड़ियों की गरिमा का सम्मान करती है। यह सुनिश्चित करने की कोशिश करती है कि यह यथासंभव समावेशी हो। फिर भी मुक्केबाजी जैसे खेल में सुरक्षा और प्रतिस्पर्धात्मक निष्पक्षता सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। इसलिए यह नियम बनाया गया है। -बोरिस वान डेर वोर्स्ट, अध्यक्ष वर्ल्ड बॉक्सिंग ----------------------

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