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जनमत संग्रह से शराब की दुकान बंद कराई

दिल्ली के तिलक नगर इलाके में रविवार को शराब की दुकान बंद कराने के लिए राज्य सरकार ने अनूठा प्रयोग किया। पहले स्थानीय लोगों को बुलाया गया। पूछा गया कि कितने लोग दुकान बंद करने के समर्थन में हैं। जनता...

जनमत संग्रह से शराब की दुकान बंद कराई
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 07 Jan 2018 11:28 PM
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दिल्ली के तिलक नगर इलाके में रविवार को शराब की दुकान बंद कराने के लिए राज्य सरकार ने अनूठा प्रयोग किया। पहले स्थानीय लोगों को बुलाया गया। पूछा गया कि कितने लोग दुकान बंद करने के समर्थन में हैं। जनता का फैसला आते ही दुकान बंद करने की घोषणा कर दी गई। इस जनमत संग्रह के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खुद मौके पर मौजूद थे।

सच्चा स्वराज बताया : आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस प्रयोग को स्वराज का नाम दिया है। स्थानीय विधायक जनरैल सिंह ने बताया कि तिलक नगर इलाके की अनमोल वाटिका में रिहाइश के अंदर शराब की दुकान थी। इसकी शिकायत स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे थे। दुकान के चलते महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही थी। कई बार मामला आने पर विधायक ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात की।

हाथ उठाकर वोटिंग : मोहल्ला सभा की बैठक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सामने विधायक ने लोगों से वोटिंग कराई। अधिकांश लोगों ने दुकान हटाने के पक्ष में हाथ उठाया। हालांकि ठेका मालिक और उसका परिवार प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे।

आबकारी विभाग संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने इस दौरान कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा प्रयोग है। ऐसा दिल्ली के हर इलाके में किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने अनमोल वाटिका में दुकान बंद करने का फैसला लिया है। अब इस प्रस्ताव को एक्साइज विभाग को भेजा जाएगा और एक्साइज विभाग ठेके को बंद करने के आदेश जारी कर देगा।

रोहिणी में दो दुकानें ऐसे ही बंद की थीं : दिल्ली सरकार ने तय किया है कि मोहल्ला सभाएं तय करेंगी कि उनके क्षेत्र में शराब की दुकानें हो या नहीं। इसके तहत सबसे पहले रोहिणी में शराब की दो दुकानें बंद की गई थीं। 16 अक्टूबर को स्थानीय लोगों की रायशुमारी के बाद फैसला लिया गया था।

आप भी शिकायत कर सकते हैं : किसी भी शराब की दुकान से स्थानीय लोगों को शिकायत है तो संबंधित विधायकों और जिला प्रशासन से शिकायत की जा सकती है। इसके बाद प्रशासन और विधायक के समन्वय से एक सुनवाई होगी। इसमे आरडब्ल्यूए और स्थानीय लोग शामिल होंगे। सुनवाई और मतदान के बाद स्थानीय पुलिस तथा आबकारी विभाग दुकान बंद करने के लिए रिपोर्ट पेश करेंगे।

स्कूलों से भी राय मांगी थी : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अक्टूबर में स्कूलों से भी इस संबंध में आपत्ति मांगी थी। उन्होंने कहा था कि अगर शराब की किसी दुकान से स्कूलों को परेशानी है तो सरकार उस पर कार्रवाई करेगी।

पांच हजार तक का जुर्माना भी : राज्य सरकार यह आदेश भी जारी कर चुकी है कि शराब की दुकान के पास या सार्वजनिक जगहों पर कोई शराब पीता पाया जाए तो उससे पांच हजार तक का जुर्माना वसूला जाए।

यह सच्चा स्वराज है। अफसर और विधायक शराब के ठेके के बारे में निर्णय क्यों लें। आम लोग इस बारे में खुद फैसला करेंगे। आगे भी शिकायत मिलने पर मोहल्ला सभा की बैठक में ऐसे कार्रवाई होगी।

-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री

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